चंदौली। जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंदौली अध्यक्ष के निर्देशन में शनिवार को सदर ब्लाक स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चन्दौली में अन्तर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम से संबंधित शिविर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जनपद न्यायाधीश ेंमाननीय ज्ञान प्रकाश शुक्ल ने बताया कि समाज में कन्या को पैदा न होने देने की प्रवृत्ति के कारण, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, बलात्कार, यौन दुराचार इत्यादी में बढोतरी हुई है। इसी प्रकार की हिंसाओं में एक सबसे घृणित हिंसा बालिका शिशु हत्या या कन्या भू्रण हत्या है। बालिका शिशु हत्या व कन्या भू्रण हत्या से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण लड़कों की शादी के लिए लड़कियां नहीं मिल रही हैं। शिक्षा के क्षेत्र में हुई बढ़ोत्तरी से बाल लिंगानुपात में बढोत्तरी होने की बजाय लड़के की चाहत तथा कन्या को पैदा होने से रोकने की प्रवृत्ति में बढोतरी हुई है। इस प्रवृत्ति को तकनीक के दुरूपयोग ने और बढावा दिया है क्योंकि विज्ञान एवं तकनीक में आए कान्तिकारी परिवर्तनों ने इस लड़के की चाह को और सुगम बना दिया। अमित पाण्डेय ने बताया कि कन्या भू्रण हत्या और लिंग चयनित गर्भपात के द्वारा गर्भ में ही कन्या भू्रण को मार दिया जाता है। इससे पहले गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच करा ली जाती है।