- जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के पीछे कौन था? 48 घंटे बीत जाने के बाद भी इस सवाल का जवाब नहीं मिला है. इस आतंकी हमले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है. अब तक ये बात साफ हो चुकी है कि हमला ड्रोन के जरिए ही हुआ था, लेकिन अभी तक ये नहीं पता चल सका है कि इस हमले के पीछे किसका हाथ है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि मिलिट्री ग्रेड एक्सप्लोसिव किसी देश की सेना के ही पास होते हैं.
पिज्जा डिलिवरी के लिए नहीं खरीदे थे ड्रोन!
खुफिया जानकारी थी कि पाकिस्तान ने चीन से बड़ी संख्या में ड्रोन्स खरीद हैं और ये भी जानकारी थी कि पाकिस्तान ने ये ड्रोन पिज्जा डिलिवरी या दवाइयों की डिलिवरी के लिए नहीं खरीदे थे. लेकिन इतनी जल्दी इन ड्रोन्स का इस्तेमाल इस काम में होगा, ये जांच की बात है.
इसके बाद अब कहा जा रहा है कि भारत अपने सैन्य ठिकानों को या सेना के जो काफिले जाते हैं, उनको कैसे बचाएगा. जब पुलवामा हमला हुआ था तो उसमें आतंकी ने विस्फोटक से भरी अपनी कार सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दी थी, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. लेकिन अब आतंकियों को ऐसा करने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि जम्मू-कश्मीर के हाइवे पर कई ऐसी पहाड़ियां हैं, जिनपर आतंकी बैठ सकते हैं और उन पहाड़ियों के ऊपर से ड्रोन के जरिए विस्फोटक को सेना की किसी गाड़ी पर गिरा सकते हैं और अगर वो ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे तो उन्हें तो कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन सेना को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.