ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने से पूर्व पंचायत चुनाव कराना और नियुक्तियों की घोषणा करना बेमानी
छठ महापर्व के बाद होगी बड़ी आंदोलन की शुरुआत: कैलाश यादव
रांची। राज्य सरकार का कार्यकाल 22 महीने होने को हैं,15श् नवम्बर को झारखण्ड 21 वाँ स्थापना दिवस समारोह मनाएगी। लेकिन मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सरकार ओबीसी को 27 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति को 15 प्रतिशत आरक्षण दिए बिना पंचायत चुनाव कराना और नियुक्तियों की घोषणा करना बेमानी है। उक्त बातें झारखंड ओबीसी आरक्षण मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव बुधवार को कही। उन्होंने कहा राज्य सरकार एवं उसकी सहयोगी पार्टियां राज्य वासियों को नियुक्ति की लॉलीपॉप दिखा रही है और पंचायत चुनाव करवा कर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहती है जबकि महागठबंधन की सरकार को पंचायत चुनाव से पूर्व राज्य में ओबीसी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उनके आरक्षण के मुद्दे पर नीति स्पष्ट करनी चाहिए और आरक्षण की घोषणा करनी चाहिए इसके बाद ही पंचायत चुनाव होता तो इसमें ओबीसी को उनका अधिकार प्राप्त होता। मंच ने महागठबंधन की सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा था कि यदि केंद्र सरकार जाति जनगणना के लिए कोई कोष जारी नहीं कर रही है या कोई निर्णय नहीं ले रही है तो राज्य सरकार अपने खर्च पर जाति जनगणना कराएं ताकि ज्ञात हो सके कि राज्य के ओबीसी के विभिन्न वर्गों की आबादी कितनी है, वह किस हाल में हैं, उनकी आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति क्या है, उनके समक्ष आधारभूत सुविधाएं किस प्रकार की हैं और किस तरह से उनका सर्वांगीण विकास किया जाए किंतु महागठबंधन की यह सरकार इस मामले पर भी खामोश है। श्री यादव ने कहा यदि सरकार पंचायत चुनाव से पूर्व ओबीसी आरक्षण,जातीय जनगणना, जातिध् आवासीय प्रमाण पत्र निर्गत करने,विदेशो में पढ़ने वाले सभी छात्रों का छात्रवृति देने के मुद्दे पर निर्णय नहीं लेती है तो महापर्व छठ के बाद बड़े आंदोलन खड़े किए जाएंगे।