जहानाबाद। जालसाजी और बैंक फ्रॉड के मामले में मध्य्प्रदेश की पुलिस के हत्थे चढ़ा नया टोला का धीरज प्रेस का स्टीकर लगा घूमता था और उसे इस कार्य के लिए फर्जी पत्रकारों के गैंग का समर्थन और सहयोग हासिल था। सबसे हैरान करने वाली बात है कि धीरज और उसके मददगार फर्जी पत्रकारों के गिरोह का नगर थाने के एक पूर्व थानाध्यक्ष राजेश कुमार का भी आशीर्वाद प्राप्त था।
इस फ्रॉड के मोबाइल की गहराई से जांच हुई तो कई पुलिस कर्मियों, फर्जी पत्रकारो और की कलई खुल जाएगी। लॉक डाउन मामले में इस गिरोह का मुख्य सरगना नया टोला का धीरज मोटरसाइकिल पर प्रेस का स्टीकर लगाकर चलता था और तत्कालीन नगर थाना राजेश कुमार के साथ इसका याराना जगजाहिर है। एक गुमटी में साइबर कैफे चलाने वाले कि शानोशौकत देख हर कोई हैरान था।
जालसाजों और साइबर फ्रॉड के साथ-साथ मंहगे आई फोन, गले के मोटे-मोटे सोने की चेन और फोर व्हीलर देख हर कोई को अंदेशा लगा रहा था कि ये लोग कोई न कोई गलत काम जरूर कर रहा है। पर कहते है ना पाप का घड़ा जरूर फूटता है और आखिरकार वही हुआ। बहरहाल मध्यप्रदेश प्रदेश पुलिस जिस शिद्दत से जांच कर रही है उससे जिले के जालसाजों, साइबर फ्रॉड और पुलिस गठजोड़ का भी खुलासा हो सकता है।