पटना

शराब न पीजिये, न पनपने दीजिये : नीतीश


बीएन मंडल स्टेडियम में समाज सुधार अभियान को सीएम ने किया संबोधित

मधेपुरा (आससे)। मधेपुरा दौरे पर आए हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज सुधार अभियान को संबोधित करते हुए कहा कि दारु बहुत बुरी चीज है इसको न पीजिए न पीने दीजिए न किसी को बनाने दीजिए न किसी को पनपने दीजिए। इससे आपकी भलाई है समाज की भलाई है। उक्त बातें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को मधेपुरा के बीएन मंडल स्टेडियम में आयोजित समाज सुधार अभियान में कही।

उन्होंने कहा शराब बंदी रहेगी तभी आपके घर में दो पैसे बचेंगे जो आपके और आपके परिवार के काम आएगा। कहा ये जो गड़बड़ करने वाले लोग हैं, इनके झांसे में नहीं आना है। ये लोग आपको दिग्भ्रमित करेंगे, लेकिन इसमें आपको नहीं पडऩा है। आपके कहने पर ही हमने शराब बंदी की थी। अब आपको इस अभियान को आगे ले जाना होगा। इस कार्यक्रम में सीएम मधेपुरा, सुपौल और सहरसा जिले की एक हजार से अधिक जीविका दीदियों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा के कारण कम उम्र में ही गरीब घरों की बच्चियों की शादी हो जाती थी। आज इस अभियान से जुडक़र जीविका की दीदियाँ कम उम्र के बच्चों की शादी नहीं होने दे रही हैं। इसका फायदा हो रहा है, लड़कियां पढ़ रही है, पढक़र अपने पैरों पर खड़ा हो रही है। हम कानून लाए हैं, आपके लिए व्यवस्था किए हैं, आज इसी का नतीजा है कि सिर्फ बिहार पुलिस में 25000 से ज्यादा लड़कियां नौकरी कर रही हैं। जो देश के अन्य विकसित राज्यों से भी अधिक है। इसलिए हम किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करते हैं।

सीएम समाज सुधर अभियान के तहत अपने 12 वें दौरे पर मधेपुरा पहुंचे थे। यहाँ हेलीपेड पर अधिकारियों के साथ जदयू कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। इसके साथ ही सीएम का काफिला बीएन मंडल स्टेडियम पहुंचा यहाँ सबसे पहले सीएम ने जीविका दीदियों के विभिन्न स्टॉलों का निरिक्षण किया। इस कार्यक्रम में सीएम ने 6 जीविका दीदियों के साथ संवाद भी किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी के फायदे गिनाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों का हवाला दिया। सीएम ने कहा दारूबंदी से महिला हिंसा में कमी आयी है। आपसी झगड़ा कम हुए हैं। शराब बंदी के कारण सडक़ दुर्घटनाओं में भी कमी आयी हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग तारी का उत्पादन करते थे उनके लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था की गयी है। यदि तारी उत्पादक निरा का उत्पादन करेंगे तो उन्हें 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता सरकार देगी।उन्होंने कहा आपलोगों ने पिछले 15 सालों से हमें काम करने का मौका दिया। हम तो निरंतर आपकी सेवा कर रहे हैं। बिहार में सभी क्षेत्रों में बदलाव हुआ है। ये भूलने की चीज नहीं है बल्कि बिहार में पहले शाम होते ही लोग घर से नहीं निकल पाते थे।

शराबबंदी की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि पटना के एक कार्यक्रम में 9 जुलाई 2015 को महिलाओं ने बिहार में शराब बंद करने की पुरजोर मांग की थी। कहा था-शराब बहुत बुरी चीज है। उस वक्त मैंने कहा था कि सत्ता में फिर आने पर इसे जरूर बंद करेंगे। फिर 5 अप्रैल 2016 को बिहार में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा हुई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी कहते थे कि शराब न सिर्फ पैसा बल्कि लोगों की बुद्धि भी छीन लेती है। कुछ लोग शराबबंदी क़ानून को फेल बताते हुए उसे समाप्त करने की मांग करते हैं। लेकिन यह अभियान रुकने वाला नहीं है।

उन्होंने कहा कि आज जिस तरह कोसी प्रमंडल की जीविका दीदियों ने अपनी बातें रखी है, उसे सुनकर काफी प्रसन्नता हुई। दीदियों ने शराबबंदी के कारण हुए बदलाव की चर्चा की है। आज दीदियों में आत्मविश्वास काफी बढ़ा है। आज लोगों के घरों में खुशहाली आई है। महिलाओं ने शराब के कारण क्या-क्या नहीं झेला है। शराबबंदी के बाद महिला हिंसा में कमी आई है। हमें सजग रहने की जरूरत है। हमलोगों ने क़ानून का राज स्थापित किया है। हर क्षेत्र में विकास हुआ है। महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए जीविका की शुरुआत की थी। आज जीविका से 1.27 करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई है।

उन्होंने शराब बंदी का इतिहास याद करते हुए कहा कि सबसे पहले कर्पूरी ठाकुर जी शराब बंदी नशा बंदी किये थे लेकिन उन्हें दो साल में ही जाना पड़ा इसके साथ नशा बंदी भी चली गयी। आज भी कुछ लोग समय- समय पर शराब बंदी के खिलाफ आवाज उठाते हैं। लेकिन सरकार इसे सख्ती से लागू कर रही है। इस कार्यक्रम में मधेपुरा के प्रभारी मंत्री संजय झा और उत्पाद एवं मधनिशेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार भी शामिल हुए।