नई दिल्ली, । भारत में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और रोड एक्सीडेंट में घायल हुए लोगों की संख्या में कमी लाने के लिए सरकार नित नए प्रयास करती रहती है। इसको लेकर हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की जिम्मेदारी केंद्र के अलावा आम लोगों की भी है, क्योंकि जब तक लोग ट्रैफिक नियमों को फॉलो नहीं करेंगे, ये पूरी तरह से संभव नहीं हो सकता है। इसको लेकर पहले भी गडकरी कह चुके हैं कि सरकार का लक्ष्य अगले साल तक भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को 50 प्रतिशत तक कम करना है।
ट्रैफिक नियमों का लगातार हो रहा उल्लंघन
हाल ही में समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू के दौरान गडकरी ने लोगों के बीच यातायात नियम के प्रति सम्मान की कमी पर अफसोस जताया। उन्होने कहा कि तेज गति से गाड़ी चलाना, बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना या गलत दिशा में गाड़ी चलाना कुछ प्रमुख यातायात उल्लंघन हैं जो भारत में अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। कड़े कानूनों के बावजूद, लोग अक्सर ट्रैफिक लाइट का भी उल्लंघन करते हैं। गडकरी ने आगे कहा कि लोगों को कानून के प्रति डर भी नहीं और सम्मान भी नहीं।
सितारों की मदद से कर रहे हैं जागरुक
गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि पैसेंजर के सहयोग के बिना दुर्घटनाओं की संख्या को प्रभावी ढंग से कम करना मुश्किल होगा। इसके लिए नागरिकों के व्यवहार में बदलाव और कानून के प्रति सम्मान की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, ”सड़क सुरक्षा को लेकर मानव व्यवहार में बदलाव एक महत्वपूर्ण पहलू है. हमने सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बॉम्बे के फिल्म अभिनेताओं और क्रिकेटरों को शामिल किया है और वे सक्रिय रूप से इस मुद्दे का समर्थन कर रहे हैं।”
हर साल रोड एक्सीडेंट से जाती हैं 1.5 लाख जानें
केंद्र द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश के अंदर 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.54 लाख लोगों की जान चली गई। पिछले वर्ष घायलों की संख्या 1.31 लाख थी। 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 3.84 लाख लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हुए। उन्होंने कहा, “हमारे देश में हर साल लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और 1.5 लाख मौतें होती हैं। जिन लोगों की जान चली जाती है, उनमें से ज्यादातर की उम्र आमतौर पर 18-34 के बीच होती है। दुर्घटनाओं के कारण कई लोगों की टांगें जीवन भर के लिए काट दी जाती हैं।” कहा।
ऑटोमेकर्स को भी कड़े आदेश
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं की संख्या कम करने के लिए पहल की है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पूरे भारत में सड़कों पर ब्लैक स्पॉट कम करने के लिए लगभग 40,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वाहन निर्माताओं को मृत्यु की संभावना को कम करने के लिए सुरक्षित मॉडल तैयार करने के लिए बाध्य किया गया है। उन्होंने कहा, “ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में अनिवार्य 6 एयर बैग, बेहतर सड़क इंजीनियरिंग, यातायात सिग्नल और साइनेज जैसी चीजों पर सुधार की जरूरत है।”