वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये हुई बैठक में डीएम ने संबंधित एजेंसी और संवेदकों को ससमय काम पूरा करने का दिया निर्देश
बिहारशरीफ (आससे)। राजगीर में निर्माणाधीन महत्वाकांक्षी योजनाओं का आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा हुआ। समीक्षा में नालंदा के जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने हिस्सा लिया जबकि वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यक्ष से नालंदा यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स एकेडमी सहित अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं से जुड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर बिहार स्टेट एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के एमडी संजय कुमार सिंह ने नालंदा यूनिवर्सिटी पर एक पीपीटी प्रेजेंटेशन भी दिखाया।
बताया गया कि एकेडमी एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग जो ग्राउंड प्लस 3 होगा यह 112796 वर्ग फीट में बनाया जाना था लेकिन अब यह 125126 वर्गफीट में बन रहा है। इसी प्रकार स्टूडियो जो ग्राउंड प्लस 1 होगा का बिल्डअप एरिया घटाया गया है। गेस्ट हाउस जो ग्राउंड प्लस 2 होगा उसका भी बिल्डअप एरिया घटा है। इसमें कुल 24 कमरे होंगे। वीसी बंगलो जो ग्राउंड प्लस 1 होगा वह भी पहले 4672 वर्गफीट में बनना था जिसे घटा कर 4664 वर्गफीट किया गया है।
प्रोविसी एवं रजिस्ट्रार के लिए ग्राउंड प्लस 2 बिल्डिंग बनाया जा रहा है जबकि ब्वॉयज हॉस्टल के ग्राउंड प्लस 3 बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। इसमें कुल 29 कमरे होंगे और सभी में चार-चार बेड होंगे। इस प्रकार इस हॉस्टल में 116 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी। गर्ल्स हॉस्टल ग्राउंड प्लस 2 का निर्माण 15693 वर्गफीट में हो रहा है, जहां 50 छात्राओं के रहने की व्यवस्था होगी। प्रोफेसर क्वार्टर ग्राउंड प्लस 5 में बनाया जा रहा है। एक फ़्लोर में चार फ्लैट होंगे। इस प्रकार कुल 24 फ्लैट का निर्माण चल रहा है।
बिहार स्टेट एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा ओपेन यूनिवर्सिटी के अलग-अलग 10 एकड़ एरिया में कुल 4 लाख 68 हजार 706 वर्गफीट में भवन का निर्माण चल रहा है। जिसमें कंस्ट्रक्शन एरिया 3 लाख 42 हजार 934 वर्गफीट है जबकि 90636 वर्गफीट प्लिंथ एरिया है। इसके लिए 89 करोड़ 24 लाख 85 हजार रुपया आवंटित किया गया है। निर्माण का काम मेसर्स प्रसाद कंस्ट्रक्शन एंड कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि 18 मार्च 2020 को एग्रीमेंट हुआ है और काम शुरू किया गया है। एकरारनामा के अनुसार 17 दिसंबर 21 तक काम को पूरा कर दिया जाना है। 84 करोड़ 53 लाख 9 हजार 932 रुपये का एग्रीमेंट हुआ है। इसके विरुद्ध 35 करोड़ रुपया इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को सरकार द्वारा मिला है, जिसमें 31 करोड़ 75 लाख रुपये का काम हो चुका है। हालांकि बाद में कार्यों में परिवर्तन के साथ बिल्डिंग कॉस्ट बढ़ा है। वजह यह है कि निर्माण लागत बढ़ी है और इसके साथ हीं अब रिवाइज एस्टीमेट 88 करोड़ 3 हजार रुपये का हो गया है।
जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि काम कर रही एजेंसी के साथ हीं बिहार एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर को निर्देश दिया गया है कि समय पर काम को पूरा करें। इसके साथ हीं स्टेडियम निर्माण की योजना की भी समीक्षा हुई और अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि निर्माण कार्य में और तेजी लाये और इस महत्वाकांक्षी योजना को ससमय पूरा करें।