नामांकन के दौरान साक्ष्य छुपाने का आरोप
नौबतपुर (आससे)। राज्य निर्वाचन आयोग में लगभग दो वर्षों तक चली लंबी सुनवाई और दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद आयोग ने नौबतपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष सरयुग मोची समेत तीन पार्षदों को पदमुक्त कर दिया है।जिन पार्षदों को पदमुक्त किया गया उसमें वार्ड नं. 2 के पार्षद विजय पासवान,वार्ड नं. 6 की पार्षद पूनम देवी और वार्ड नं.14 के पार्षद नगर अध्यक्ष सरयुग मोची शामिल हैं। नगर अध्यक्ष समेत तीन पार्षदों के पदमुक्त होने की खबर से नौबतपुर नगर पंचायत में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
गौरतलब है कि वार्ड नं. 11 की पार्षद एवं पूर्व नगर अध्यक्ष कौशल कौशिक की पत्नी उषा कौशिक ने अध्यक्ष सरयुग मोची,पार्षद विजय पासवान एवं पूनम देवी के खिलाफ चुनाव में नामांकन के दौरान दो से अधिक संतान होने संबंधी साक्ष्य को छुपाने का आरोप करते हुए निर्वाचन आयोग के समक्ष शिकायत वाद संख्या 12/20 दायर की थी। उषा कौशिक द्वारा निर्वाचन आयोग को दिय गये शिकायत मे यह कहा गया था की तीनों पार्षदों द्वारा चुनाव के समय अपने संतान के संबंध मे गलत जानकारी देकर चुनाव लड़ा गया था। तीनों पार्षदों के तीसरे संतान का जन्म 4 अप्रैल 2008 के बाद हुआ है।
नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 का उल्लंघन है। अधिनियम के मुताबिक, तीसरे संतान का जन्म 4/4/2008 के बाद नहीं होना चाहिए अन्यथा वे अयोग्य माने जायेंगे। उषा कौशिक की ओर से अधिवक्ता एस. बी.के मंगलम और प्रतिवादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता विश्व विभूति सिंह द्वारा दलील दी गई। दोनों पक्ष की दलील सुनने और जिला पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा इस संबंध में जांचोपरांत राज्य निर्वाचन को उपलब्ध कराये गये साक्ष्यों के अवलोकन के पश्चयात अंतत सचिव राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना आदेश पारित करते हुये तीनों को पदमुक्त कर दिया।
उषा कौशिक द्वारा दिये गये प्रमाणों के आधार पर जांच पदाधिकारी के द्वारा वादी उषा कौशिक द्वारा लगाए गये सभी आरोपों को प्रमाणित पाया।जिसकी सम्पुष्टि जिला निर्वाचन पदाधिकारी( नगरपालिका) सह जिला पदाधिकारी पटना द्वारा भी की गई है।यही नहीं जिला निर्वाचन पदाधिकारी( नगरपालिका) सह जिला पदाधिकारी पटना ने भी संसूचित है कि जांच के दौरान प्रतिवादी पक्ष द्वारा जांच को प्रभावित करने हेतु अभद्र भाषा एवं मारपीट आदि किया गया।जिस कारण उनके विरुद्ध नियमानुसार कारवाई करते हुए नौबतपुर थाना कांड संख्या 626/20 दिनांक 19/12/20 दर्ज कराया गया है। उषा कौशिक की ओर से अधिवक्ता एस. बी.के मंगलम और प्रतिवादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता विश्व विभूति सिंह द्वारा दलील दी गई।
न्यायालय द्वारा तीनों प्रतिवादी वार्ड पार्षदों के संबंध में अधिवक्ता द्वय के एवं उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्यों तथा जिला प्रशासन द्वारा न्यायालय को समर्पित जांच प्रतिवेदन का अलग अलग विश्लेषण करने के बाद आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना आदेश पारित करते हुये तीनों को पदमुक्त कर दिया। निर्वाचन आयोग के आदेश के आलोक में आदेश निर्गत होने की तिथि से तीनों वार्ड पार्षद का पद रिक्त हो चुका है। जिसके भरने की कार्रवाई आयोग से अपेक्षित है। चुंकि सरयुग मोची नगर पंचायत के अध्यक्ष के थे। अत: निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगर पंचायत के मुख्य पार्षद (अध्यक्ष) का पद भी रिक्त हो चुका है। जिसे 30 दिन के अंदर मुख्य पार्षद का पद पर भरा जाना तय है।