पटना

पटना: दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की हुई पूजा, बाहर से ही माता के दर्शन कर रहे भक्त


पटना (आससे)। कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए मंदिरों-मठों में आमजनों के प्रवेश पर रोक के बीच वासंती नवरात्र की पूजा-आराधना एवं पाठ आदि अनुष्ठान हो रहे है, देवी तीर्थों में। वंचित हैं वैस श्रद्धालु, जो मंदिर में पूजा-पाठ का अनुष्ठान कर शक्ति उपासना करते थे। शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी मंदिर में नवरात्र का परंपरागत अनुष्ठान महंथ विजय शंकर गिरि के मार्गदर्शन में हो रहा है। बुधवार को प्रात: नवरात्र के दूसरे दिन की पूजा-आराधना की गयी। मंदिर के प्रांगण में तीन पुरोहितों द्वारा ही पाठ आदि अनुष्ठान हो रहा है।

मंदिर बंद होने के बावजूद श्रद्धालुओं की आवाजाही यहां हो रही है। श्रद्धालु मंदिर के प्रवेश द्वार पर माता रानी के चौखट पर ही अपनी पूजा का पुष्प-प्रसाद, चुनरी आदि लेकर पहुंच रहे हैं, वहीं पर पूजा करके बाहर से ही लौट जाते हैं। प्रात:काल से ही ऐसे श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला आरंभ हुआ, जो दोपहर बाद तक जारी रहा। मंदिर के बाहर चुनरी-नारियल, प्रसाद आदि की दुकानें तो पूर्ववत सजी हुई हैं, किन्त श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं दिख रही है। मंदिर के भीतर पुलिसकर्मी सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए तैनात किये गये हैं।

मंदिर के महंथ तक प्रेस प्रतिनिधियों की पहुंच भी मास्क लगाकर सेनेटाइजर का उपयोग करके होती है। महंथ विजय शंकर गिरि ने कहा कि पूजा श्रीविग्रह के समक्ष हो या बाहर से हो शुद्ध मन से पूजा अर्पित करनेवाले श्रद्धालुओं की कामना अवश्य पूर्ण होगी। मां सर्वानन्दकरी भगवती के मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। इसलिए त्रिमूर्ति के रूप में विराजमान मातारानी का श्रीविग्रह ऐसे स्थान पर प्रतिष्ठित किया गया है, जहां बाहर से भी मातारानी बड़ी पटनदेवी का दर्शन श्रद्धालुओं को सुलभ है। कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए मंदिर में ऐसी व्यवस्था की गयी है।