राजभवन में हुई बोर्ड की बैठक, बजट बढ़ाने का प्रस्ताव
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्यपाल फागू चौहान ने कहा है कि पटना के विश्वप्रसिद्ध खुदा बख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी के विकास एवं आधुनिकीकरण के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे। इसके आधुनिकीकरण एवं डिजिटीकरण के लिए सर्वाधिक ध्यान दिया जाना चाहिये, ताकि दुर्लभ पांडुलिपियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्हें अधिक उपयोगी एवं जनसुलभ बनाया जा सके।
राज्यपाल श्री चौहान शुक्रवार को राजभवन में खुदा बख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी के बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्र सरकार से खुदा बख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी के विकास के लिए बजटीय प्रावधान बढ़ाने के लिए अनुरोध किया जायेगा। बैठक में पुस्तकालय में आधारभूत संरचना विकास पर भी चर्चा हुई। एकेडमिक एवं तकनीकी समितियों के माध्यम से इसके लिए समुचित प्रस्ताव प्राप्त करने का निर्णय लिया गया।
राज्यपाल श्री चौहान ने कहा कि मौजूदा समय की जरूरतों के मुताबिक नये मानव संसाधनों एवं कार्य-बल की कमी का मूल्यांकन करते हुए पुराने अनुपयोगी पड़ चुके पदों की जगह नये तकनीकी कार्यबलों के प्रावधानों के अनुरूप व्यवस्था की जानी चाहिये। वर्तमान जरूरतों के आकलन के अनुरूप बजटीय प्रावधान तथा उपलब्ध राशि का सदुपयोग होना चाहिये।
पुस्तकालय में भारत की सांस्कृतिक विरासतों तथा राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सौहार्द के विकास से जुड़े विषयों पर राष्ट्रीय सेमिनार, विद्वानों के व्याख्यान एवं अन्य सांस्कृतिक आयोजन भी कराये जाने चाहिये। उन्होंने खुदा बख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी की वेबसाइट को भी विकसित करने का सुझाव दिया।
पुस्तकालय की निदेशक डॉ. शाइस्ता बेदार ने कहा कि बीस महीनों के दौरान शोध महत्व एवं संदर्भ महत्व के 34 प्रमुख सृजनात्मक अवदानों का प्रकाशन किया गया है। 34 एकेडमिक सांस्कृति आयोजन भी उक्त अवधि में किये गये। अनुवाद एवं शोध कार्य पुस्तकालय प्रबंधन पर्याप्त प्राथमिकता प्रदान कर रहा है।
बैठक में राज्यपाल के सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू, प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल, शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ, भारत सरकार के संस्कृति विभाग के पुस्तकालय निदेशक सी. गंगाधरन, राजभवन के संयुक्त सचिव राम अनुग्रह नारायण सिंह एवं खुदा बख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी की निदेशक डॉ. शाइस्ता बेदार सहित बोर्ड के कई अन्य सदस्य शामिल थे।