(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में छठे चरण के तहत माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली के लिए चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग ने पटना उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी है।
इसके लिए पटना उच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की गयी है। राज्य में छठे चरण में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 32,714 पदों पर बहाली के लिए चयनित अभ्यर्थियों को 17-18 फरवरी को नियुक्ति पत्र बांटे जाने थे। लेकिन, पटना उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश की विधिक समीक्षा के बाद नियुक्ति पत्र बांटे जाने के दो दिन पहले शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया स्थगित कर दी गयी।
दरअसल, शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद उसके सर्टिफिकेट की वैधता सात वर्षों के लिए थी। बाद में वैधता की सात वर्षों की समय-सीमा बढ़ कर ताउम्र हो गयी। हालांकि, वैधता की सात वर्षों की समय-सीमा बढ़ कर ताउम्र होने के पहले ही वर्ष 2019 में छठे चरण की माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई। उसमें वर्ष 2011 में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) पास अभ्यर्थी इसलिए शामिल नहीं हो पाये, क्योंकि उस समय के नियम के हिसाब से उनके माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) के सर्टिफिकेट की वैधता एक साल पहले ही समाप्त हो चुकी थी। वैसे अभ्यर्थियों द्वारा पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी। न्यायालय ने वर्ष 2011 में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) पास अभ्यर्थियों को भी इसमें शामिल करने को कहा। इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया स्थगित की गयी।
चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की पहल पर शिक्षा विभाग द्वारा विशेष अनुमति याचिका दायर की गयी है। इसमें कहा गया है कि छठे चरण की नियुक्ति के तीन से छह माह के अंदर सातवें चरण की नियुक्ति होगी। उसमें वर्ष 2011 में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) पास अभ्यर्थियों को मौका दिया जायेगा। अगर उनमें से किसी भी अभ्यर्थी की उम्र सीमा समाप्त होने पर उन्हें छूट दी जायेगी।
बहरहाल, अगर अनुमति नहीं मिली, तो छठे चरण के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया रद्द कर नये सिरे से शुरू होगी।