पटना

पटना: नहीं रहे अर्थशास्त्री शैबाल गुप्ता


राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

पटना (आससे)। एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीच्यूट आद्री के सदस्य सचिव डा. शैबाल गुप्ता ने गुरुवार को पटना में ७ बज कर ७ मिनट संध्याकाल में अंतिम सांसें लीं। वे ६७ वर्ष के थे। वे अपने पीछे पत्नी, बेटी, दामाद और नतिनी को छोड़ गये हैं। उनका अंतिम संस्कार कल गुलबी घाट पर किया जायेगा। डा. गुप्ता कुछ दिनों से पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं से पीडि़त थे और कुछ ही दिन पहले से अस्पताल में भर्ती थे। एक प्रख्यात समाज विज्ञानी होने के अलावा वे बड़े पैमाने पर इंस्टीच्यूशन बिल्डर के रूप में जाने जाते थे और आद्री की स्थापना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।

सामान्य तौर पर विकासमूलक अर्थशास्त्र एवं खासतौर पर बिहार के विकास की चुनौतियों पर उनके योगदान ने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर लोगों का ध्यान खींचा। वे सामाजिक और राजनीतिक मामलों के बहुत बड़े जानकार एवं विश्लेषक थे। राष्ट्रीय प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बड़े पैमाने पर प्रकट होते रहते थे। वे अपने पीछे पत्नी, बेटी, दामाद और नातिन को छोड़ गए हैं, जो सभी उनके निधन के समय उनके निकट उपस्थित थे।

उनकी अंत्येष्टि  शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुलबी घाट पर की जाएगी। इसके पूर्व शुक्रवार दिन में एक बजे उनके पार्थिव शरीर को आद्री कार्यालय में लाया जाएगा। यहां अनेक गण्यमान्य लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

शैबाल गुप्ता के निधन पर मुख्यमंत्री मर्माहत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रसिद्घ अर्थशास्त्री, सेंटर फॉर इकॉनोमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनेंस के निदेशक और आद्री के सदस्य सचिव शैवाल गुप्ता के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि शैवाल गुप्ता ने बिहार ही नहीं, देश और दुनिया के कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थानों में प्रमुख भूमिका निभाई थी।

उन्होंने बिहार में वित्त आयोग के सदस्य के साथ ही कई संस्थाओं को अपने अनुभवों का लाभ पहुंचाया था। बिहार के कई आर्थिक सुधारों में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वे आर्थिक एवं राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के तौर पर भी जाने जातते थे। उनके निधन से आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है। शैवाल गुप्ता जी से मेरा व्यक्तिगत संबंध था। उनके निधन से मैं काफी मर्माहत हूं। उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। स्व. शैवाल गुप्ता का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

दुनिया भर में बिहार का नाम किया रोशन : राज्यपाल

राज्यपाल फागू चौहान ने सेन्टर फॉर इकॉनोमिक पॉलिसी एण्ड पब्लिक फाइनेन्स के निदेशक तथा आद्री के सदस्य सचिव एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री व राजनीतिक विचारक डा. शैबाल गुप्ता के निधन पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त की है।

श्री चौहान ने कहा है कि अपनी विद्वता और सामाजिक-आर्थिक चिन्तनों से देश और दुनिया भर में बिहार और भारत का नाम रोशन करनेवाले डा. शैबाल गुप्ता ने बिहार के आर्थिक सुधार तथा सशक्तीकरण की दिशा में भी यथासमय अपने सुझाव देते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उनके निधन से देश के आर्थिक सामाजिक एवं राजनीतिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।

राज्यपाल ने डा. गुप्ता की आत्मा को चिरशांति तथा उनके परिजनों को धैर्य धारण की क्षमता प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।

बिहार के विशेष दर्जे पर तैयार किया था दस्तावेज : मोदी

प्रमुख अर्थशास्त्री डा. शैवाल गुप्ता के निधन पर भाजपा नेताओं ने गहरा शोक जताया है। भाजपा नेताओं ने कहा है कि उनके निधन से बिहार को अपूरणीय क्षति हुई है। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल और पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है।

सुशील मोदी ने कहा है कि प्रति वर्ष आम बजट के पूर्व वित्त विभाग की ओर से प्रकाशित आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट डा. गुप्ता और उनकी संस्था आद्री के विशेषज्ञों द्वारा ही बिहार के आर्थिक व सामाजिक मानदंडों के गहन अध्ययन के आधार पर तैयार किया जाता था। उनकी संस्था आद्री की बिहार ही नहीं, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। अर्थ विशेषज्ञ व बुद्धिजीवी होने के बातें उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति प्राप्त था।

आर्थिक-सामाजिक मुद्दों पर उनकी टिप्पणी का विशेष महत्व होता था। उनकी पहल पर ही वित्त आयोग को सर्वदलीय प्रतिवेदन देने की परंपरा शुरू हुई। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों दिया जाय, इस पर भी उन्होंने एक प्रमाणिक दस्तावेज तैयार कर इस मौके को बल प्रदान किया था। डा. शैवाल गुप्ता के निधन पर दुख प्रकट करते हुए जदयू के छोटू सिंह ने कहा कि वे एक नेक इंसान थे और गरीबों की काफी मदद करते थे। उनके गुजर जाने से जो स्थान रिक्त हुआ है उसकी कभी पूर्ति नहीं हो सकती है।