पटना

पटना: पंचायतों में जिसकी लाठी उसकी भैंस


      • नल-जल का काम धीमा अपर मुख्य सचिव नाराज

      • 851 पंचायतों में अब तक काम शुरू नहीं

पटना (आससे)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना टूटता नजर आ रहा है। पंचायतों में जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत साबित हो रहा है। अधिकांश पंचायतों में मुखिया और वार्ड सदस्यों के बीच योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विवाद गहराया है। योजनाओं में अनियमितताओं को लेकर १०० से अधिक पंचायतों के मुखिया को उनके पदों से हटाया जा चुका है। ५० से अधिक मुखिया के खिलाफ विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज है।

पंचायती राज के अपर मुख्य सचिव श्री मीणा  की समीक्षा बैठक में यह खुलासा हुआ कि  अनवरत कार्रवाईयों के बाद मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना सुस्त रफ्ïतार से चल रही है। आज की तिथि में राज्य के ८५१ वार्डों में अब तक नल-जल योजना शुरू नहीं हुआ है। कारण मुखिया व वार्ड सदस्यों के बीच विवाद बताया जा रहा है। लचर स्थिति से नाराज अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने गोपालगंज के जिला पंचायती राज पदाधिकारी को निलंबित करने की कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।

अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने पंचायतों में चल रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की तो चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए। आधे दर्जन जिलों मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सीवान, सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारण में ८५१ वार्डों में जल-नल की योजना शुरू नहीं हुई है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जिन योजनाओं में एफआइआर दर्ज है उनके अभियुक्तों के विरुद्घ जमानत याचिकाओं को निरस्त करने के लिए सरकारी वकीलों से संपर्क करें और कोर्ट में पीटिशन डालें। उन्होंने कहा कि १५ वें वित्त आयोग से प्राप्त राशिक उपयाग पहले नल-जल योजना के कार्यान्वयन में करें। राशि बचने पर उसे गली-नाली पक्कीकरण योजना पर खर्च करें।

बैठक में एक और महत्वपूर्ण तथा उभर कर आया कि अररिया में १४.४० करोड़, बेगूसराय में १०.७३ करोड़, दरभंगा में २०.७६ करोड़ तथा पूर्वी चंपारण व कटिहार ने २२ करोड़ का हिसाब विभाग को नहीं दिया है। बैठक में सोलर लाईट अधिष्ठापन, जल-जीवन-हरियाली अभियान के कार्यों की समीक्षा के क्रम में तय समय सीमा के अंदर योजनाओं को पूरा करने का निर्देश जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को दिया गया।