पटना

बिहार विधानसभा शताब्दी वर्ष का शुभारंभ सात को


समापन समारोह में राष्ट्रपति और पीएम के आने की संभावना

(आज समाचार सेवा)

पटना। बिहार विधानसभा भवन सात फरवरी को १०० वर्ष का हो जायेगा। सात फरवरी २०२१ से शमाब्दी समारोह का शुभारंभ होगा। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है। समारोह का उदघाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे, जबकि अप्रैल-मई में प्रस्तावित समापन समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाग लेने की संभावना है। औपचारिक निमंत्रण भेज दिया गया है। यह कहना है बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का। श्री सिंह गुरुवार को विधानसभा प्रेस सलाहकार समिति की बैठक में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि उद्घाटन समारोह के बाद लोकतंत्र में विधायकों की भूमिका पर परिचर्चा होगी। द्वितीय सत्र में लोक महत्व के मामले को सदन में उठाने की प्रक्रिया, विधायी शक्तियों और दायित्व पर चर्चा होगी। सदन में प्रश्न एवं अन्य विधायी प्रक्रिया पर पूर्व विधानसभाध्यक्ष और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, सदन में वित्तीय मामलों से संबंधित प्रक्रिया पर पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी तथा भारत के संविधान के अंतर्गत विधायी शक्तियों और दायित्व पर केंद्रीय कानून एवं न्याय, संचार तथा इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद व्याख्यान देंगे। विधायकों के साथ पारंपरिक संवाद का भी कार्यक्रम है।

उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, नेता विरोधी दल तेजस्वी प्रसाद यादव, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी एवं तारकिशोर प्रसाद, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह संबोधित करें जबकि पूर्व विधानसभाध्यक्ष व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी धन्यवाद ज्ञापन करेंगे।

विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि सदन में विमर्श की गुणवत्ता बढ़े, यह अहम सवाल है। विधायकों के संदर्भ में कई तरह की भ्रांतियां रहती है। विधायकों को सेवा भाव से करना चाहिए, वह करते भी हैं। कार्यपालिका के अधिकारियों को जन प्रतिनिधियों के साथ सौम्यता व शालीनता से पेश आना चाहिए। विधानसभा का प्रयास है कि युवाओं में चारित्रिक एवं नैतिक बल को बढ़ावा मिले।

समारोह के आयोजन को लेकर प्रेस दीर्घा सलाहकार समिति के सदस्यों ने विधानसभा के इतिहास से संबंधित विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित तथ्यों की प्रदर्शनी लगाया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त सत्र के बेहतर संचालन व सकारात्मक खबरों के प्रकाशन को लेकर कई सुझाव दिये गये।