पटना

पटना: बजी घंटी, शुरू हुई पढ़ाई; इंटरमीडिएट से लेकर स्नातकोत्तर तक की कक्षाएं प्रारंभ


      • पहुंचे सम अंक के क्रमांक वाले छात्र-छात्रा
      • विषम अंक के क्रमांक वाले कल आयेंगे

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में 10वीं से ऊपर की कक्षाओं की पढ़ाई स्कूल-कॉलेजों, तकनीकी शिक्षण संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों में सोमवार को शुरू हुई। 50 फीसदी उपस्थिति के सिद्धांत के तहत पहले दिन  ‘सम अंक के क्रमांक वाले’ छात्र-छात्रा पहुंचे।  98 दिनों बाद मास्क में पहुंचे छात्र-छात्रा शारीरिक दूरी बनाते हुए एक-दूसरे से उत्साह के साथ मिले। हालांकि, पहले दिन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति काफी कम रही।

छात्र-छात्राओं के  साथ ही शिक्षक-कर्मचारियों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है। हर कक्षा में छह फीट की दूरी पर छात्र-छात्राओं के बैठने की व्यवस्था की गयी है। गाइडलाइन के तहत हर कक्षा में 50 फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पहले दिन ‘सम अंक के क्रमांक वाले’ बच्चे बुलाये गये। मंगलवार को ‘विषम अंक के क्रमांक वाले’ छात्र-छात्रा कक्षा में आयेंगे। इसी व्यवस्था के तहत छात्र-छात्राओं को हर दिन आना है।

राज्य में वर्तमान में तकरीबन पांच हजार सरकारी स्कूलों में 11वीं एवं 12वीं कक्षा की पढ़ाई होती है। 599 इंटरमीडिएट कॉलेज भी 11वीं एवं 12वीं कक्षा की पढ़ाई वाले हैं। इसके साथ स्नातक स्तर तक की पढ़ाई वाले  485 डिग्री कॉलेजों में भी 11वीं एवं 12वीं कक्षा के साथ स्नातक स्तर तक की पढ़ाई होती है। इनमें 260 अंगीभूत एवं 225 सम्बद्ध डिग्री कॉलेज हैं।

ये सभी डिग्री कॉलेज 13 पारम्परिक विश्वविद्यालयों के तहत संचालित हैं। इनमें पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय एवं मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय शामिल हैं।

इन पारम्परिक विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों में भी सोमवार से प्रति कार्यदिवस 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ पढ़ाई शुरू हो गयी है। इसके साथ ही निजी विश्वविद्यालयों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों एवं कृषि विश्वविद्यालयों सहित अन्य विश्वविद्यालयों में भी 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ पढ़ाई शुरू हुई है।

कक्षाओं के साथ ही स्टाफ रूम, ऑफिस एवं आगत कक्ष में भी छह फीट पर बैठने की व्यवस्था की गयी है। आते-जाते समय छात्र-छात्राओं के मुख्य गेट से क्रमवार आने-जाने की व्यवस्था की गयी है। छात्र-छात्राओं के आते-जाते समय गेट को खुले रखे  जा रहे हैं, ताकि भीड़ नहीं लगे। अभिभावकों एवं विद्यार्थियों के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। आगंतुक कक्ष, हाथ सफाई स्थल, पेयजल केंद्र एवं टॉयलेट के बाहर जमीन पर वृताकार चिन्ह छह फीट की दूरी पर निशान बनाये गये हैं।

शिक्षण संस्थानों के परिसर, भवन व कक्षाएं, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, भंडारकक्ष, पानी टंकी, किचेन, वाशरूम, प्रयोगशाला एवं लाइब्रेरी की सफाई कर उसे विसंक्रमित किया गया है। डिजिटल थर्मोमीटर, सेनेटाइजर, साबुन की व्यवस्था की गयी है। ऐसी व्यवस्था की गयी है कि शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी भी छह फीट की दूरी पर बैठेें। यही व्यवस्था आगंतुकों के लिए भी की गयी है।

दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता से बचाव को लेकर राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी एवं कोचिंग सहित सभी शिक्षण संस्थान गत पांच अप्रैल से ही  बंद कर दिये गये। उसके बाद पांच मई से लॉकडाउन शुरू हुआ, जिसकी 15 मई तक की अवधि पहले 25 मई तक, फिर 31 मई तक और उसके बाद आठ जून तक बढ़ायी गयी। उसके बाद कतिपय शर्तों के साथ नौ जून से 15 जून तक अनलॉक-वन एवं 16 जून से 22 जून तक अनलॉक-टू रहा।

23 जून से अनलॉक-थ्री चल रहा है, जिसकी मियाद छह जुलाई को पूरी हो गयी। अब, सात जुलाई से अनलॉक-चार शुरू हो गया है। अनलॉक-चार में पढ़ाई शुरू होने से 10वीं से ऊपर की कक्षाओं के छात्र-छात्राओं से स्कूल-कॉलेजों, तकनीकी शिक्षण संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के कैम्पस गुलजार हो गये हैं।