(आज समाचार सेवा)
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के अधिकारियों से कहा है कि तकनीकी संस्थानों में अध्यापन के लिए क्वालिफाइड फैकल्टी की व्यवस्था रखें ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिले। यहां पढऩे वाले छात्रों के बेहतर प्लेसमेंट की भी व्यवस्था करें। मुख्यमंत्री सोमवार को विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के कामकाज की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में तकनीकी संस्थानों का निर्माण अभी पूर्ण नहीं हुआ है, वहां तेजी से कार्य पूर्ण करें। तकनीकी संस्थानों के भवनों के निर्माण के साथ-साथ उनके मेंटेनेंस की भी समुचित व्यवस्था करें। तकनीकी संस्थानों में अध्यापन के लिए कलिफाइड फैकल्टी की व्यवस्था रखें ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिले। वहां पढऩे वाले छात्रों के बेहतर प्लेसमेंट की भी व्यवस्था करें।
यहां के इंजीनियरिंग कॉलेजों को राज्य में स्थापित आइआइटी, एनआइटी, आइआइआइटी तथा राज्य के बाहर के भी उच्च तकनीकी सस्थानों से संबद्ध करें ताकि उनकी गुणवत्ता और बढ़ायी जा सके। इससे पूर्व विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने अपने विभाग के विजन मिशन एवं मुख्य योजनाओं के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।
उन्होंने विभाग की संरचना, सात निश्चय पार्ट वन के तहत युवा सबमिशन, उद्योग एवं व्यवसाय, सब मिशन, राज्य के सभी ३८ जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज एवं पॉलिटेक्रिक संस्थानों, सात निश्चय पार्ट टू के अंतर्गत सेंटर ऑफ एक्सिलेंस करने के साथ-साथ विभाग के अन्य प्रमुख प्रोजेक्टस के संबंध में जानकारी दी।
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा एवं अनुपम कुमार, विज्ञान एवं प्रावैधिकी के सचिव लोकेश कुमार सिंह, ओएसडी गोपाल सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद थे।