महावीर मंदिर के प्रसाद को विशिष्ट मान्यता
पटना (आससे)। पटना के महावीर मंदिर का प्रसाद नैवेद्यम् को भारत सरकार के एफएसएसएआई ने ‘भोग’ सर्टिफिकेट प्रदान किया है। विशिष्ट मान्यता वाला यह सर्टिफिकेट पाने वाला महावीर मंदिर बिहार का पहला मंदिर है।
नैवेद्यम् को उसकी विशिष्ट गुणवत्ता, स्वाद, शुद्धता, स्वच्छता, हाईजीन आदि मानकों पर खरा उतरने के बाद एफएसएसएआई ने यह सर्टिफिकेट जारी किया है। मंगलवार को बिहार के स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव सह खाद्य सुरक्षा के नोडल पदाधिकारी डा. कौशल किशोर के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा की टीम ने महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल को मंदिर प्रांगण में सर्टिफिकेट प्रदान किया। अभी तक ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर समेत देश के चुनिन्दा मंदिरों के प्रसाद को ही यह सर्टिफिकेट मिला है।
इस अवसर पर आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि २२ अक्तूबर, १९९२ से महावीर मंदिर में नैवेद्यम् की शुरूआत की गयी। तिरूपति के ७५ विशिष्ट कारीगर गाय के घी में चना दाल, काजू, किसमिस, इलायची से उच्च मानकों का पालन करते हुए नैवेद्यम् प्रसाद का निर्माण करते हैं। नैवेद्यम् की परिकल्पना तिरूपति मंदिर के प्रसाद के आधार पर की गयी थी। अभी महावीर मंदिर में प्रत्येक महीने औसतन ८३ हजार किलो नैवेद्यम् की बिक्री होती है।
इस अवसर पर पटना के खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार, एफएसएसएआई के तकनीकी सहायक तपेश्वरी सिंह, नैवेद्यम् प्रभारी आर. शेषाद्री उपस्थित थे।