पटना

22 से बजने लगेगी शहनाई


पटना (आससे)। खरमास की समाप्ति यानी 22 अप्रैल से शुभ और मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे। शहनाइयां बजने लगेंगी। हालांकि, मैथिल पंचांग के अनुसार 16 अप्रैल से ही शादी-ब्याह शुरू हो जायेंगे। इसको लेकर लोगों ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। होटल, कम्युनिटी हॉल, बैंड बाजा, डेकोरेशन, कैटरर तथा वहनों की बुकिंग करानी शुरू कर दी गयी है। ताकि, समय आने पर कोई परेशानी न हो।

गुरु-शुक्र-रवि की शुभता है जरूरी 

शास्त्रों में शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है। इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी के शुभ योग के लिए बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है। रवि गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभफलदायी होते हैं। इन तिथियों पर शादी-विवाह को बेहद शुभ माना गया है।

ऐसे तय होते हैं शुभ लग्न-मुहूर्त

शादी के शुभ लग्न व मुहूर्त निर्णय के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु एवं मीन लग्न में से किन्हीं एक का होना जरूरी है।  वहीं नक्षत्रों में से अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भद्र व उत्तरा आषाढ़ में किन्हीं एक का रहना जरूरी है। अति उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा या हस्त नक्षत्र में से किन्हीं एक की उपस्थिति रहने पर शुभ मुहूर्त बनता है। यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो, तो उनका विवाह ज्येष्ठ में नहीं होगा। तीन ज्येष्ठ होने पर विषम योग बनता है और ये वैवाहिक लग्न में निषेध है। विवाह माघ,फाल्गुन, वैशाख व अगहन में हो तो अत्यंत शुभ होता है।

शादी-विवाह के शुभ लग्न मुहूर्त

बनारसी पंचाग: अप्रैल-22, 24, 26, 27, 28, 29, 30, मई-1, 2, 3, 7, 8, 9, 12, 13, 14, 19, 20, 21, 22, 24, 26, 27, 28, 29, 30, जून-5, 11, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 26, जुलाई-1, 2, 3, 6, 7, 8, 12, 15, 16, नवंबर-19, 20, 21, 26, 28, 29, दिसंबर-1, 2, 5, 7, 12, 13, मिथिला पंचांग: अप्रैल-16, 23, 25, 26, 30, मई– 2, 3, 7, 9, 12, 13, 21, 23, 24, 26, 30, 31, जून-4, 6, 10, 11, 20, 21, 24, 25, 27, 28।