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पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास को गति देने के लिए दिल्ली समेत अन्य राज्यों की दी जाएगी रैंकिंग


नई दिल्ली, । अब पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास को गति देने की कसौटी पर भी राज्यों की रैंकिंग की जाएगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ”पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही” को प्रोत्साहित करने के लिए विकास परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी देने में लगने वाले समय के आधार पर राज्यों की रैंकिंग करेगा। हर राज्य की रैंकिंग उसको मिलने वाले अंकों के आधार पर की जाएगी। अंक इस आधार पर मिलेंगे कि किस परियोजना को कितने दिनों में पर्यावरण मंजूरी दी गई। मंत्रालय द्वारा राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरणों और विशेषज्ञ मूल्यांकन समितियों को भेजे गए इस आदेश के मुताबिक, ”ईसी (एन्वायरमेंट क्लियरेंस-पर्यावरण मंजूरी) के अनुदान में दक्षता और समयबद्धता के आधार पर राज्यों को स्टार-रेटिंग के जरिये प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय मान्यता और प्रोत्साहन के साथ-साथ, जहां आवश्यक हो, वहां सुधार के लिए है।

”प्रस्तावित रैंकिंग प्रणाली के अनुसार, एक राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (एसईआइएए) को 80 दिनों से कम समय में विकास परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी (ईसी) देने के लिए दो अंक मिलेंगे। 105 दिनों से कम के लिए एक अंक, 105 से 120 दिनों के लिए 0.5 अंक और 120 दिनों से अधिक समय में पर्यावरण मंजूरी देने के लिए जीरो अंक दिए जाएंगे।

इसी तरह पांच दिनों के भीतर प्रस्ताव एवं संदर्भ की शर्तों (टीओआर) या पर्यावरण मंजूरी के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए एसईआइएए को एक अंक, पांच से सात दिनों के लिए 0.5 और सात से अधिक दिन लगाने के लिए जीरो दिया जाएगा।

मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार 10 प्रतिशत से कम मामलों में एक से अधिक बार आवश्यक विवरण मांगे जाने पर एक अंक, 20 प्रतिशत होने पर 0.5 अंक और 30 प्रतिशत या अधिक होने पर शून्य दिया जाएगा।पर्यावरण मंजूरी के 90 प्रतिशत से अधिक नए प्रस्तावों और 105 दिनों से अधिक समय से प्रतीक्षित ईसी संशोधन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने पर एक अंक दिया जाएगा। 80 प्रतिशत क्लियरेंस के लिए सिर्फ 0.5 अंक और 80 प्रतिशत से कम क्लियरेंस के लिए जीरो दिया जाएगा।