ताइपेइ, ताइवान की सेना ने अज्ञात ड्रोन को मान गिराया है जो गुरुवार को चीन के तट के पास ही आइलेट (Islet) के करीब इसके एयरस्पेस में घुस गया था। इसके पहले सरकार ने इस तरह की घुसपैठ के लिए सख्त नए नियम लागू किए थे। चीन हमेशा से ताइवान पर अपना दावा ठोकता आ रहा है हालांकि ताइपेइ सरकार को इस बात से सख्त आपत्ति रही है।
नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से चिढ़ा है चीन
अमेरिका की हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से चिढ़कर बीजिंग ने पिछले माह की शुरुआत में ही द्वीप के निकट सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। ताइवान की सरकार ने तनाव को रोकने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है लेकिन बार-बार चीनी ड्रोन के द्वीप पर चक्कर लगाने से यह क्रोधित है। उल्लेखनीय है कि चीनी ड्रोन जिस इलाके में घुस रहा है वह ताइवान के अंतर्गत आता है।
मंगलवार से ही हो गई थी ड्रोन वार की शुरुआत
मंगलवार को ताइवान की सेना ने अपने द्वीप के पास एक चीनी ड्रोन पर फायरिंग की थी। ताइवान ने केवल वार्निंग शाट दागे थे। मिलिट्री के प्रवक्ता ने इस बारे में बताया कि यह ड्रोन चीनी तट के पास ताइवान नियंत्रण वाले किनमेन द्वीप में घुसने की कोशिश कर रहा था और फायरिंग के बाद चीन लौट गया। चीन और ताइवान के बीच पिछले कुछ दिनों से जिस तरह घटनाक्रम आगे बढ़ रहा है वह दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के संकेत दे रहा है।
पिछले दो दिनों में ताइवान के एयरस्पेस में चीन के चार सिविल ड्रोन ने घुसपैठ की जिसके बाद किनमेन डिफेंस कमांड को फायरिंग करनी पड़ी है। चीन की ओर से ग्रे जोन रणनीति में बढ़ोत्तरी को ताइवान के अधिकारी बीजिंग के ‘Cognitive Warfare’ के हिस्से के रूप में देख रहे हैं जिसका मकसद ताइवानी सेना की छवि और सरकार में लोगों के विश्वास को कमजोर करना है।