देश में पहली बार मिक्स्ड रियलिटी तकनीक से आयोजित हुआ आईआईटी बीएचयू का नोंवा दीक्षांत समारोह, वर्चुअल रुप से मुख्य अतिथि ने यूएसए से किया संबोधित, १४८१ विद्यार्थियों और रिसर्च स्कालर्स को मिली उपाधि, ५२ मेधावियों को विभिन्न श्रेणियों में ८० स्वर्ण एवं रजत पदक और १६ प्राइज प्रदान , अंकन बोहरा ने सर्वाधिक आठ पाकर चूमा सफलता का शिखर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का सोमवार को स्वतंत्रता भवन में बहुत ही सादगी पूर्ण माहौल से आयोजित नौवां दीक्षांत समारोह में मेधावी विद्यार्थियों को उनकी मेहनत का प्रमाण पत्र और सम्मान मिला। देश में पहली बार आईआईटी बीएचयू में मिक्स्ड रियलिटी तकनीक की मदद से यूएसए से क्लाउड बेस्ड इंफार्मेशन सिक्योरिटी कंपनी ”जैसकेलर” के सीईओ एवं संस्थापक जय चौधरी और बंगलुरू से संस्थान के बोर्ड आफ गवर्नस के चेयरमैन पद्मश्री डॉक्टर कोटा हरिनारायन ने दीक्षांत समारोह में शिरकत की। मुख्य अतिथि जय चौधरी ने अपने दीक्षांत भाषण में छात्रों के साथ अपने जीवन में मिले चुनौतियों और उस पर हासिल विजय यात्रा के अनुभवों से साझा किया। उन्होंने कहा कि छात्र सफलता हासिल करने के लिए अपने जुनून और जोश को बनाए रखिए। इसके लिए बड़ी सोच और बड़े जोखिम से डरे नही। कोविड प्रोटोकॉल के तहत इस बार दीक्षांत समारोह में सिर्फ मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों एवं संस्थान अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष एवं पदाधिकारी ही समारोह में उपस्थित रहे। देश के विभिन्न हिस्सों से पुरातन एवं वर्तमान छात्रों, शिक्षाविदों और अन्य अतिथि आनलाइन माध्यम से वर्चुअल उपस्थित रहे। संस्थान की वेबसाइट पर भी दीक्षांत समारोह का सजीव प्रसारण किया गया।
देश में पहली बार मिक्स्ड रियलिटी तकनीक से आयोजित हुआ आईआईटी बीएचयू का नौंवा दीक्षांत समारोह, वर्चुअल रुप से मुख्य अतिथि ने यूएसए से किया संबोधित, १४८१ विद्यार्थियों और रिसर्च स्कालर्स को मिली उपाधि, ५२ मेधावियों को विभिन्न श्रेणियों में ८० स्वर्ण एवं रजत पदक और १६ प्राइज प्रदान, अंकन बोहरा ने सर्वाधिक आठ मेडल पाकर चूमा सफलता का शिखर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का सोमवार को स्वतंत्रता भवन में बहुत ही सादगी पूर्ण माहौल से आयोजित नौवां दीक्षांत समारोह में मेधावी विद्यार्थियों को उनकी मेहनत का प्रमाण पत्र और सम्मान मिला। देश में पहली बार आईआईटी बीएचयू में मिक्स्ड रियलिटी तकनीक की मदद से यूएसए से क्लाउड बेस्ड इंफार्मेशन सिक्योरिटी कंपनी ”जैसकेलर” के सीईओ एवं संस्थापक जय चौधरी और बंगलुरू से संस्थान के बोर्ड आफ गवर्नस के चेयरमैन पद्मश्री डॉक्टर कोटा हरिनारायन ने दीक्षांत समारोह में शिरकत की। मुख्य अतिथि जय चौधरी ने अपने दीक्षांत भाषण में छात्रों के साथ अपने जीवन में मिले चुनौतियों और उस पर हासिल विजय यात्रा के अनुभवों से साझा किया। उन्होंने कहा कि छात्र सफलता हासिल करने के लिए अपने जुनून और जोश को बनाए रखिए। इसके लिए बड़ी सोच और बड़े जोखिम से डरे नही।
जय चौधरी ने कहा कि दुनिया में तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है। आप को हर वक्त नए विचार के साथ अपडेट रहना होगा। जीवन में सफलता के मौके बार-बार नहीं मिलते। आपको मौकों को तलाश करती रहनी होगी। हर वक्त नई चीज सीखने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि आपको अपनी बौद्धिक क्षमता, तकनीकी कौशल के साथ कम्यूनिकेशन स्किल को भी निरंतर सुधारते रहना होगा। तभी आप अपने जीवन में सफल हो पाएंहूं। समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के बोर्ड आफ गवर्नस के चैयरमैन पद्मश्री कोटा हरिनारायन ने कहा कि मेरे युवा मित्रों, आप जीवन के एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं। दुनिया तेजी से बदल रही है। जीवित रहने और यहां सफल होने के लिए कुछ सुझाव हैं। सीखना जारी रखें और आजीवन छात्र बनें रहे।, एक लक्ष्य, एक दृष्टि रखे। आपने आप को चुनौती दो, हमेशा बदलाव के लिए तैयार रहें, लोगों के साथ संबंध स्थापित करें, विनम्र होना, टीम के खिलाड़ी बनो, खुश रहें, सफलता प्राप्त करें और देश की समृद्धि और सुरक्षा में योगदान करें। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए इस संस्थान ने छात्रों को अपने घरों में तेजी से स्थानांतरित करने, ऑनलाइन सेमेस्टर के लिए रणनीति तैयार करने के लिए समयबद्ध निर्णयों से निपटना पड़ा। संकाय सदस्यों द्वारा शिक्षण के ऑनलाइन मोड के लिए निर्बाध अनुकूलन और जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में भी छात्रों तक पहुंचना वास्तव में प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने केंद्र और राज्य सरकार के संस्थानों और उद्योगों से बड़ी विकासात्मक परियोजनाओं के लिए बड़ी धनराशि को आकर्षित करने में सफल रहा है। विदेशों में विश्वविद्यालयों के साथ इसकी सहभागिता भी बढ़ी है। बड़ी संख्या में नए संकाय अपने साथ नए विचार, नए जोश और नई पहल के साथ संस्थान में शामिल हुए हैं। हमारे संस्थान में पिछले कुछ वर्षों में पीएचडी के नामांकन में एक भराव हुआ है जो संस्थान में अत्याधुनिक अनुसंधान की बढ़ती संस्कृति को दर्शाता है।
कोविड प्रोटोकॉल के तहत इस बार दीक्षांत समारोह में सिर्फ मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों एवं संस्थान अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष एवं पदाधिकारी ही समारोह में उपस्थित रहे। देश के विभिन्न हिस्सों से पुरातन एवं वर्तमान छात्रों, शिक्षाविदों और अन्य अतिथि आनलाइन माध्यम से वर्चुअल उपस्थित रहे। संस्थान की वेबसाइट पर भी दीक्षांत समारोह का सजीव प्रसारण किया गया।