अपने दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत पीएम मोदी श्यामनगर के इश्वरीपुर इलाके मे बने जेशोरेश्वरी काली मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे. ये काली मंदिर 51 तमाम स्थानों पर फैले 51 शक्ति पीठों से एक है. ये बात तो जग जाहिर है कि पीएम मोदी बाबा भोलेनाथ और मां काली के अनन्य भक्त हैं. और ये पहला मौका होगा कि किसी भी देश का शासनाध्यक्ष श्यामनगर और काली मंदिर तक जाएगा. सूत्र बताते हैं कि पीएम मोदी के आने के कार्यक्रम से इस पूरे इलाके में त्यौहार जैसा माहौल बना हुआ है.
इसके बाद पीएम मोदी ढाका से दूर ओराकांडी जाएंगे, उनके लिए सामुदायिक स्वागत का कार्यक्रम होगा. ओराकांडी में ही मटुआ समाज के महासंध की स्थापना 1960 में हुई थी. 1860 में इसी इलाके से हरिचंद ठाकुर ने मटुआ आंदोलन की शुरुआत की थी. इनके अनुयायी आज भी बांग्लादेश और भारत के पशिचम बंगाल में भारी संख्या में हैं. हरिचंद ठाकुर इस समुदाय द्वारा भगवान की तरह पूजे जाते है और उनके अनुयायी तो यही मानते हैं कि वे दुनिया मे पिछड़ों को मुक्ति दिलाने ही आए था. यहीं पीएम मोदी का सामुदायिक स्वागत होगा और उम्मीद की जा रही है कि वे मटुआ समाज को यहां संबोधित भी कर सकते हैं.
दौरे के पहले दिन यानि 26 मार्च को भी पीएम मोदी ने अपने व्यस्ता कार्यक्रमों के बीच तमाम समुदाय के नेताओं से मुलाकात की और साथ ही बांगलादेश के अल्पसंख्यक समुदायों के नुमाइंदों से भी मुलाकात कर उनका हाल जाना. ढाका मे रह रहे वोहरा समाज के लोगों ने मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि वो दुआ करते कि मोदीजी दोनो देशों को मजबूत बनाने में सफर रहें. बांग्लादेश के स्टार क्रिकेटर शाकिब उल हसन ने भी पीएम मोदी से मुलाकात कर उनके नेत्त्व की तारीफों के पुल बांधे हैं.