पटना

बिहार में ओमिक्रॉन के 40 संक्रमित मिले


रैंडम जांच में हुआ खुलासा, आइजीआइएमएस के निदेशक, प्रिंसिपल के अलावा स्वास्थ्य विभाग के एक सीनियर अधिकारी शामिल

पटना (आससे)। पटना सहित पूरे बिहार में फिर से दूसरी बार कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के 40 संक्रमित पाये गये है। आइजीआइएमएस की लैब ने 40 कोरोना सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिंग रिपोर्ट मंगलवार को जारी की। इसमे सभी 40 सैंपलों में ओमिक्रॉन पाया गया।

ओमिक्रॉन के मरीजों में आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ एनआर विश्वास, प्रिंसिपल डॉ रंजीत गुहा के अलावा स्वास्थ्य विभाग के एक सीनियर अधिकारी शामिल हैं। राहत की बात यह है कि निदेशक, प्रिंसिपल सहित सभी ओमिक्रॉन मरीजों में 90 प्रतिशत कोरोना निगेटिव होकर अपने-अपने काम पर लौट गये हैं। एक जनवरी से लेकर आठ जनवरी के बीच संबंधित लोगों का सैंपल आइजीआइएमएस में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था़। इनमें 16 साल से लेकर अधिकतम 70 साल तक के बुजुर्ग शामिल थे।

राज्य के अलग-अलग एरिया से लिए गए 40 रैंडम सैंपल में 40 संक्रमितों में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पाया गया है। रैंडम सैंपल रिपोर्ट बताती है कि राज्य में ओमिक्रॉन का कम्युनिटी स्प्रेड हुआ है और तेजी से मामलों के बढऩे के पीछे कोरोना का यह नया वैरिएंट हैं।

राज्य में रैंडम सैंपल कलेक्शन में 100 प्रतिशत लोगों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पुष्टि होने से हडक़ंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना की बढ़ती रफ्तार को लेकर पहले ही ओमिक्रॉन के अधिक मामले होने की संभावना जता रहा था जो मंगलवार को आई रिपोर्ट में सही साबित हो गई है। सैंपल में 100 प्रतिशत सैंपल में ओमिक्रॉन पाए जाने से अब खतरा बढ़ गया है। रैंडप सैंपल कलेक्शन इसीलिए कराया जाता है जिससे संक्रमण की हकीकत पता चल सके। बिहार में ओमिक्रॉन के 40 मामले आने से अब कोरोना के संक्रमण के विस्फोट का बड़ा खतरा है।

बिहार में कोरोना के संक्रमण तेजी से कम हो रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना कमजोर हुआ है। संक्रमण की रफ्तार जिस तरह से कम हो रही है उसी तरह से जांच भी कम हो रही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि संक्रमण का मामला कम हो रहा है। संक्रमण की दर भी कम हो रही है, लेकिन इसके बाद भी पूरी तरह से गंभीर रहना क्योंकि ओमिक्रॉन का संक्रमण तेजी से फैलता है। अपर मुख्य सचिव का कहना है कि लगातार आंकड़ों पर स्टडी की जा रही है, जो ट्रेंड पाया जा रहा है उससे यह समझ में आ रहा है कि कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है, लेकिन जिनोम में ओमिक्रॉन की 100 प्रतिशत रिपोर्ट आने से सावधानी बढ़ानी होगी।

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिला वार स्टडी की जा रही है जिसमें संक्रमण के मामलों को लेकर काम किया जा रहा है। वायरस के घटते बढ़ते ट्रेंड को देखा जा रहा है। अब तक दो शिफ्ट में पटना के आईजीआईएमएस में कोरोना संक्रमितों के सैंपल में जिनोम सिक्वेंसिंग कराई गई है। पहले 32 सैंपल में 27 ओमिक्रॉन पाया गया था लेकिन दूसरी शिफ्ट की जांच में 40 सैंपल में 40 में ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई है।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि बिहार के पॉजिटिविटी रेट में काफी कमी आई है। मंगलवार को पॉजिटिविटी रेट 2.96% रहा है जबकि 14 जनवरी को यह 3.67% पहुंच गया था। ट्रेंड से ऐसा लग रहा है कि बिहार में वायरस स्टेबलाइज हो गया है। पूरे मामले को देखा जा रहा है और इस पर हर जिले में काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी चिंता ओमिक्रॉन को लेकर दिख रही है। एक साथ 40 ओमिक्रॉन के मामले को लेकर अब खतरा बढ़ गया है। 40 सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग में ओमिक्रॉन के मामले पाए जाने के बाद अब लोगों को गंभीर होना होगा क्योंकि यह संकेत पूरी तरह से कम्युनिटी स्प्रेड का है।

आइजीआइएमएस के माइक्रोबायोलाजी विभागाध्यक्ष डा. नम्रता कुमारी एवं जीनोम वैज्ञानिक डा. अभय कुमार ने बताया कि सभी सैंपलों में ओमिक्रोन वैरिएंट की पुष्टि की गई है। इसमें जमुई दो, समस्तीपुर एक, गया तीन, खगडिय़ा दो, मुजफ्फरपुर पांच, मुंगेर दो, सारण एक, सीतामढ़ी एक, भागलपुर एक एवं पटना के 22 मरीजों में ओमिक्रोन वैरिएंट के वायरस पाए गए हैं। इसमें आठ डाक्टर शामिल हैं।