पटना

बिहार में शुरू हो रही साक्षरता की नयी योजना


      • नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के पहले वर्ष में 9.40 लाख लोग बनेंगे साक्षर
      • निरक्षरों को पढ़ायेंगे 5वीं और उससे ऊपर की कक्षाओं के छात्र
      • एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक होंगे स्वैच्छिक शिक्षक
      • टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों  के छात्र भी जुड़ेंगे साक्षरता की नयी मुहिम से

डॉ. लक्ष्मीकान्त सजल-

पटना। राज्य में साक्षरता की एक नयी योजना शुरू हो रही है। ‘नवभारत साक्षरता कार्यक्रम’ नामक यह योजना केंद्र प्रायोजित है। इस योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के नौ लाख 40 हजार निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य है।

निरक्षरता उन्मूलन की केंद्र प्रायोजित इस योजना में 5वीं और उससे ऊपर की कक्षाओं के छात्र अपने परिवार के निरक्षर सदस्यों को पढ़ायेंगे। टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों के छात्र भी सेवापूर्व अवधि में तीन से चार निरक्षरों को प्रति वर्ष साक्षर करेंगे। नेहरू युवा केंद्र, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के स्वयंसेवक-कैडेट, सीएसओ समुदाय, गृहणियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, पीआरआई और अन्य संस्थानों के सदस्यों को स्वयंसेवक के रूप में प्रोत्साहित कर निरक्षरों को साक्षर किया जायेगा। योजना ऑनलाइन मोड में लागू होगी। स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण, अभिविन्यास, कार्यशालाएं आमने-सामने मोड में आयोजित होंगी। सभी सामग्री और संसाधन पंजीकृत स्वयंसेवकों को आसानी से सुलभ डिजिटल मोड जैसे- टी. वी., रेडियो, सेलफोन आधारित ओपेन-सोर्स एप-पोर्टल आदि के माध्यम से डिजिटल रूप से प्रदान किये जायेंगे। स्कूलों और उच्च शिक्षा के मौजूदा संस्थानों में आईसीटी और अन्य बुनियादी ढांचे सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी), सामुदायिक केंद्रों का उपयोग होगा।

साक्षरता की इस नयी योजना  के संचालन के लिए राज्य के सभी जिलों के सरकारी, सहायता प्राप्त एवं निजी स्कूलों, उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र-छात्राएं, पंचायतीराज संस्थाओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा-कार्यकर्ताओं से वालेंटियर के रूप में सहायता ली जायेगी। इसमें नेहरू युवा केंद्र, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), स्काउट-गाइड एवं नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के स्वयंसेवक-कैडेट शामिल होंगे। ‘विद्यांजलि’ पोर्टल के माध्यम से परोपकारी संगठनों की भागीदारी होगी। फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, टी. वी. चैनल, रेडियो जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित सभी प्रकार के मीडिया- इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, लोक एवं इंटर पर्सनल प्लेटफॉर्म के उपययोग से निरक्षरों को साक्षर किया जायेगा।

योजना के कार्यान्वयन के लिए स्कूल इकाई होगा। योजना के तहत लाभार्थियों और स्वैच्छिक शिक्षकों (वी. टी.) का सर्वेक्षण राज्य के स्कूलों द्वारा ऑनलाइन मोड के माध्यम से मोबाइल एप या सर्वेक्षण एप से किया जायेगा। कोई भी निरक्षर ऑनलाइन टीचिंग, लर्निंग एंड असेसमेंट सिस्टम (ओटीएलएएस) के माध्यम से किसी भी स्थान पर सीधे पंजीकरण के माध्यम से योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। कोई भी स्वयंसेवक शिक्षक साक्षरता प्रदान करने, ऑनलाइन साक्षरता वर्ग बनाने या प्रत्येक को एक सूत्र सिखाने के लिए अपनी सेवाएं दे सकेंगे।

ऑनलाइन टीचिंग, लर्निंग एंड असेसमेंट सिस्टम (ओटीएलएएस) के माध्यम से 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के सभी निरक्षरों को महत्वपूर्ण जीवन कौशल के माध्यम से मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्रदान की जायेगी। निरक्षरों को डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, आपदा प्रबंधन, कौशल, बाल देखभाल और पोषण, वाणिज्यिक कौशल, स्वास्थ्य और स्वच्छता साक्षरता, आहार संबंधी आदतों के बारे में जागरूकता पर परिवार कल्याण के मुद्दे, व्यायाम, योग, तम्बाकू का उपयोग बंद करना, प्राथमिक चिकित्सा देखभाल और सडक़ यातायात दुर्घटना आदि का प्रबंधन और मतदाता पंजीकरण जैसे   विभिन्न फॉर्म भरने के बारे में जागरूकता लाने के लिए क्रिटिकल लाइफ स्कील्स के तहत जिला स्तर पर संबंधित विभागों के साथ लागू किया जायेगा।