बेगूसराय शि.प्र.(आससे)। अपने बिहार में पहले नये उत्पाद कानून में जप्त सैकड़ों लीटर शराब को चूहा पी गया की बातें अब पुरानी हो गयी है। इस बार चूहा शिक्षा विभाग की प्रश्न पत्र की सैकड़ों प्रतियां को कुतर दिया है। मामला जिले के कई बीआरसी की है। प्रश्न पत्रों को कुतर जाने को लेकर बीआरसी के द्वारा शिक्षा विभाग को सूचनाएं दी है। विभागीय सूत्रों में इसे बीआरसी की लापरवाही बताते हुए जांच कर कार्रवाही की बात कही है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि कई बीआरसी के अधिकारी ने प्रश्न पत्रों में दीमक लगने तो कईयों ने बीआरसी में पानी आ जाने के कारण गल जाने की बात कही है।
समग्र शिक्षा के तहत जिले के 5वीं एवं 8वीं तक की परीक्षा 7 मार्च से चल रही है। सूचना मिली कि कई विद्यालयों के बच्चों को प्रश्न पत्र उपलब्ध नही कराया गया। जबकि जिले में नामांकन के अनुपात में लगभग 20 प्रतिशत परीक्षार्थी कम परीक्षा में बैठे हैं फिर भी प्रश्न पत्र का घट जाना गले से नीचे नहीं उतरने जैसी बात हो चली है। जबकि 63958 प्रश्न पत्र कक्षा 8 के लिए उपलब्ध करवाए गए थे तो वही कक्षा 5 के लिए 67425 प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाए गए थे। उक्त प्रश्न पत्र वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए उपलब्ध कराए गए थे।
लेकिन कोविड-19 की वजह से अगले आदेश तक के लिए मूल्यांकन कार्य स्थगित करने का आदेश 13 मार्च 2020 को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा दिया गया था। 6 मई 2020 को प्रश्न पत्र उत्तर पुस्तिका आदि को बीआरसी एवं सीआरसी पर सम्यक आदेश की प्रत्याशा में सुरक्षित भंडारण का निर्देश दिया गया था लेकिन इन निर्देशों की भी बीआरसी और सीआरसी ने अनदेखी की। बीआरसी एवं सीआरसी का अपना तर्क है कि प्रश्न पत्र में दीमक लग जाने एवं पानी के जमाव होने के कारण प्रश्न पत्र गल गए या चूहा ने कुतर दिया है। यह सुनने में अटपटा जरूर लगता होगा लेकिन यह हकीकत है कि कुछ बीआरसी ने इसी तरह के जवाब विद्यालय के प्रधान को दिया है।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा भेजे गए पत्र को ले स्पष्ट आदेश दिया गया था कि प्रखंड कार्यालय के द्वारा प्रश्न पत्र को सुरक्षित भंडारण करके रखें। लेकिन इसके विपरीत बीआरसी ने इसे नजरअंदाज कर दिया जबकि स्पष्ट आदेश में कहा गया है कि प्रखंड कार्यालय के द्वारा विद्यालय वार निर्धारित संख्या में प्रश्न पत्र उत्तर पुस्तिका वर्ग वार एवं विषय वार 25 या 50 के गुणांक में सेट तैयार करके सभी विद्यालय प्रधान को हस्तगत कराया जाए। लेकिन इसके विपरीत ज्यादातर विद्यालय प्रधान को प्रश्न पत्र कम ही दिए गए।
डीपीओ समग्र शिक्षा राज कमल ने बताया कि दो वर्ष पूर्व प्रश्न पत्र आया था। लेकिन 2020 के तुलना में 2022 के परीक्षा में छात्रों का इनरॉलमेंट की संख्या ज्यादा हो गई। तो वही शाम्हों में बाढ़ के आ जाने के कारण पश्न पत्र खराब हो गया। साथ ही कहा कि प्रश्न पत्र को सही तरीके से रख रखाव नहीं हुआ। बीआरसी और सीआरसी केंद्र के कर्मियों से जबाब तलब किया जायेगा।