पटना

बेगूसराय: 245 फर्जी शिक्षकों ने किया रिजाइन, 1517 शिक्षा विभाग के रडार पर


बेगूसराय (आससे)। शिक्षक के सम्मान को धूमिल कर रहे हैं फर्जी शिक्षक। फर्जी शैक्षणिक योग्यता फर्जी टीईटी पास सर्टिफिकेट लेकर बन बैठे शिक्षक। कोई डर, ना भय और इनकी जुगाड़ टेक्नोलॉजी भी जबरदस्त। बताते चलें कि बेगूसराय जिले में 2006 से 2015 तक बहाल हुए शिक्षकों की कुल संख्या 10306 है जिसमें 8544 शिक्षकों का दस्तावेज निगरानी को सौंपा गया था।

ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय ने फर्जी शिक्षकों के खिलाफ जांच कराने का आदेश दिया था साथ ही कहा था कि वैसे फर्जी शिक्षक जो त्यागपत्र दे देते हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसी के आलोक में 245 फर्जी शिक्षकों ने त्यागपत्र देना मुनासिब समझा। लेकिन इसके बावजूद कई शिक्षक अपने पद पर फर्जी तरीके से बने रहे। 1517 शिक्षकों का दस्तावेजों का अता पता नहीं है, लेकिन वेतन पाते रहे। जिसको लेकर निगरानी ने सभी नियोजन इकाई से दोबारा दस्तावेज का फोल्डर प्रत्येक शिक्षकों को जमा करने को कहा था। लेकिन इन फर्जी शिक्षकों की इतनी पहुंच है कि बीआरसी से फोल्डर को ही गायब करवा देते हैं।

19 दिसंबर 2020 को विजिलेंस की एक बैठक बीपी इंटर स्कूल में आहूत की गई थी। जिसमें सभी पंचायत नियोजन इकाई के सचिव को बुलाया गया था और आदेश दिया गया था कि जिन शिक्षकों का दस्तावेज अभी तक जमा नहीं हुआ है उन सभी शिक्षकों का दस्तावेज जमा किया जाए। जिसमें कई पंचायत नियोजन इकाई के सचिव ने कहा था कि कई सचिव का तबादला हो चुका है तो वहीं कुछ का निधन भी हो गया है। जिसकी वजह से दस्तावेज का अता पता नहीं है।

वहीं शिक्षा विभाग ने भी कड़ा तेवर अपनाते हुए कहा था कि जो भी नियोजन इकाई ससमय जमा नहीं करते हैं उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इसके बावजूद दर्जनों पंचायत नियोजन इकाई ने दस्तावेज जमा नहीं किया था। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया था कि वैसे सभी शिक्षकों का जिनका दस्तावेज निगरानी को सौंपा नहीं गया है उन सभी शिक्षकों का डाटा एनआईसी के पोर्टल पर अपलोड करें।

इसी कड़ी में जिले में 1517 शिक्षकों का डाटा एनआईसी के पोर्टल पर अपलोड किया गया है। अब सवाल यह उठता है कि 1517 शिक्षकों का फोल्डर कहां गायब हो गया था। आखिरकार निगरानी को क्यों नहीं सौंपा गया। फर्जी शिक्षकों के कारण ही अच्छे शिक्षक भी आज बदनाम हो रहे हैं। फर्जी शिक्षक अभी भी अपने को बचाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग का चक्कर भी लगा रहे हैं।