भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि नई शराब नीति के तहत नियमों का उल्लंघन कर शराब ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया गया। नियम के अनुसार उत्पादक, वितरक और खुदरा विक्रेता एक नहीं होना चाहिए। आपस में किसी तरह से संबद्ध नहीं होने चाहिए। प्रत्यक्ष या अपरोक्ष रूप से कोई संबंध नहीं होना चाहिए।
25 अक्टूबर, 2021 को आबकारी विभाग ने सरकार से इस संबंध में सवाल उठाया था। सरकार को नोटिस भेजा गया था। उसमें कहा गया था कि शराब उत्पादक कंपनी का वितरक कंपनी में हिस्सेदार नहीं हो सकता। चार जोन में लाइसेंस मिला। सरकार ने जवाब नहीं दिया। आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के मंत्री आबकारी इन सवालों के जवाब दें, ईमानदारी और जाति की बात न करें। आबकारी विभाग के नोटिस का जवाब क्यों नहीं दिया गया यह बताएं।
सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि आबकारी नीति को लेकर गठित कमेटी ने ज्यादा शराब बेचने के लिए प्रचार नहीं करने की सिफारिश की थी। इसके विपरीत एक के बदले एक बोतल का प्रचार किया गया। कर्नाटक माडल के अनुसार होलसेल का काम सरकार को ही करने की सिफारिश थी, इसका भी उल्लंघन किया गया। नान कंफर्मिंग एरिया में शराब की दुकानें नहीं खोलने को कहा। समूह बनाने की मनाही थी मगर इसका भी उल्लंघन किया गया।
महादेव कंपनी, बडी पंजाब कंपनी उत्पादन, होलसेल और रिटेलर तीनों में है। नियम का उल्लंघन कर 144 करोड़ कैसे कंपनियों को वापस किए गए। बोली लगाकर एनओसी नहीं लाने पर कंपनियों को पैसे वापस किए गए। शिक्षा मंत्री शराब मंत्री हैं। इन्होंने शराब पीने की उम्र कम कर दी। इनसे पूछा कुछ जाता है और जवाब कुछ और दिया जाता है।
सरकार द्वारा शराब कंपनियों को क्रेडिट नोट इश्यू किया जाता था और बदले में शराब कंपनी आम आदमी पार्टी को नकद में भुगतान करती थी। ज्यादा शराब की बिक्री होने बावजूद दिल्ली सरकार को साढ़े छह करोड़ सरकार को नुकसान। सरकार बताए शराब ज्यादा बिकने पर भी इतना नुकसान क्यों? अपने कार्यकर्ताओं से पार्टी तोड़ने के लिए फर्जी फोन कराते हैं। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ने यह आरोप लगाया है।