लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय ने चार कंपनियों को मनी लांड्रिंग में पकड़ा है। इनमें से तीन कंपनियां भदोही तथा एक गुडग़ांव की है। राजधानी में इन कंपनियों तथा इनके मालिकों की संपत्तियों की तलाश की जा रही है। इनमें से एक कंपनी की मोहनलालगंज में बेहिसाब संपत्ति होने की जानकारी मिली है। मनी लांड्रिंग में फंसी चार कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज कर प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू कर दी है। इसके तहत इन कंपनियों की लखनऊ में भी संपत्तियां तलाशी जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय को पता चला कि कंपनियों ने लखनऊ में भी बड़ी संख्या में संपत्तियां खरीदी हैं। शॉपिंग मॉल के साथ फैक्ट्री के नाम पर भी जमीन खरीदने की जानकारी मिली है। प्रवर्तन निदेशालय विशाखापट्टनम ने इस संबंध में 28 जून को लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने इन चारों कंपनियों सहित कुल आठ लोगों के नाम भेजे थे। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश तथा अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमरपाल सिंह ने 12 जुलाई को एलडीए, आवास विकास परिषद, नगर निगम तथा सहायक महानिरीक्षण निबंधन प्रथम व द्वितीय को इसके संबंध में पत्र लिखा था। सभी विभागों से कंपनियों की संपत्तियों को तलाशने के लिए कहा गया है। इस कड़ी में इन कंपनियों की मोहनलालगंज में बेहिसाब जमीनें होने की जानकारी मिली है। इसी तरह एलडीए में भी कुछ संपत्तियां होने की बात पता चली है। सीजी सिटी में भी इन कंपनियों ने कुछ जमीनें खरीदी हैं। जल्द ही इसकी पूरी रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय को भेजी जाएगी। कंपनियों तथा उनके मालिकों ने विदेशों से पैसे लेकर मनी लांड्रिंग की है। लखनऊ के अलावा इन कंपनियों की संपत्तियां भदोही में भी तलाशी जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने रॉयल कारपेट इंटरनेशनल भदोही, शोभा वूलेन्स प्राइवेट लिमिटेड भदोही, काका ओवरसीज लिमिटेड गुडग़ांव, काका कारपेट्स भदोही के खिलाफ जांच शुरू की है। इसके अलावा इनके मालिकान व अधिकारी तृषि राय, नीतीश राय, यादवेंद्र कुमार राय तथा रीता राय के खिलाफ भी प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की है। इनकी भी सम्पत्तियां तलाशी जा रही हैं। इन कंपनियों व इनके मालिकों की लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र तथा गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार में संपत्तियां होने की जानकारी पता चली है। इसके लिए जल्दी ही प्रवर्तन निदेशालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी। फिलहाल इनकी कितनी संपत्तियां मिली हैं, अभी इसका पूरा ब्योरा एकत्रित किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है। जो भी सम्पत्तियां मिलेंगीं, उसके बारे में प्रवर्तन निदेशालय को अवगत कराया जाएगा।