नयी दिल्ली (एजेन्सियां)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सहित विश्व के क्रिकेट संघों से विस्तृत अध्ययन करके लंबे समय तक जैव सुरक्षित वातावरण बायो बबल में रहने के कारण खिलाडिय़ों को मानसिक बीमारियों से बचाने की अपील की। कोविड-१९ महामारी के बावजूद खेल प्रतियोगिताएं शुरू होने के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों को जैव सुरक्षित वातावरण में रहना पड़ रहा है तथा कई क्रिकेटर, फुटबालर और टेनिस खिलाड़ी मानसिक स्वास्थ्य की बात कर चुके हैं। अपटन ने कहा कि शीर्ष खेल संघ इस मसले से निबटने के लिये पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा सभी खिलाडिय़ों के लिए यह एक समान चुनौती है और चूंकि हमने विभिन्न खिलाडिय़ों से फीडबैक लेने के लिये पर्याप्त शोध नहीं किया है इसलिए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े सभी लोग कह रहे हैं कि जब तक हम परीक्षण नहीं करते तब तक हम अमुक दवाई को मंजूरी नहीं दे सकते तो क्या हमने शोध किया है। अपटन ने कहा विश्व में कई बायो बबल तैयार किए हैं लेकिन मैंने बड़े स्तर पर ऐसा कुछ नहीं देखा जिसमें आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद), बैडमिंटन या फुटबाल से जुड़े लोगों या बीसीसीआई के पदाधिकारियों ने इससे पडऩे वाले प्रभावों को समझने के लिए खिलाडिय़ों से प्रतिक्रिया प्राप्त करके व्यापक अध्ययन करने की बात की हो। उन्होंने कहा हमने अभी तक इसके कुप्रभाव नहीं देखे हैं लेकिन ऐसी संभावना है कि लगातार जैव सुरक्षित वातावरण में रहने के कारण हम अधिक मानसिक समस्याओं और बीमारियों का सामना करेंगे। अपटन ने कहा कि इन समस्याओं में से कुछ का निदान संभव है लेकिन अभी इस दिशा में किसी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा इनमें से कुछ का बचाव संभव है लेकिन हम इनके बचाव के लिए कुछ नहीं कर रहे है इसलिए हमें तब तक इंतजार करना होगा जब तक ऐसी समस्याएं सामने न आ जाएं और यह खिलाडिय़ों के लिये दुर्भाग्यपूर्ण होगा।