उत्तर प्रदेश

वाराणसी : जनवरीमें हो रहा गर्मीका एहसास,टूटा कई वर्षोंका रिकॉर्ड


लखनऊ। आम तौर पर जनवरी का महीना भीषण ठंड के लिए याद रखा जाता है. हर साल इस समय ऐसी खबरें आती हैं कि ठंड ने इतने साल का रिकार्ड तोड़ा, लेकिन इस बार माहौल बदला-बदला सा दिखाई दे रहा है. इस मौसम में ठंड से बचने के लिए जहां पहले रजाई के साथ साथ हीटर का भी सहारा लेना पड़ता था, अब तो रजाई भी बर्दाश्त नहीं हो रही है. दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के करीब जबकि रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। ऐसा हर साल नहीं होता था। ऐसे में लोगों के बीच ये चर्चा का बड़ा विषय बन गया है कि क्या इस साल ठंड नहीं पड़ेगी? अब जनवरी की ठंड के बारे में जानिये. नज़ीर के तौर पर बात लखनऊ की करते हैं. पिछले कई सालों में जनवरी के महीने में लखनऊ में इतना ज्यादा तापमान दर्ज नहीं किया गया. बुधवार को लखनऊ में पिछले 10 सालों का रिकार्ड टूट गया है. इस दिन राजधानी में अधिकतम तापमान 28.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे ज्यादा तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस 1992 में 1 जनवरी को दर्ज किया गया था।यही स्थिति वाराणसी की भी है. जनवरी में बढ़े तापमान के मामले में यहां 8 सालों का रिकार्ड टूट गया है. वाराणसी में बुधवार को 29 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. इससे ज्यादा 29.4 डिग्री सेल्सियस तापमान 2013 में दर्ज किया गया था. हालांकि, ये भी सच है कि मौसम का ये बदलाव ज्यादातर पूर्वी और मध्य यूपी के जिलों में ही देखने को मिल रहा है. पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड में जाड़ा अपना असर दिखा रहा है। जनवरी में बढ़े तापमान के मामले में शाहजहांपुर में पिछले 13 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. शाहजहांपुर में बुधवार को अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले 13 सालों में इतना ज्यादा तापमान कभी दर्ज नहीं किया गया. 29 जनवरी 2007 को 28.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। रायबरेली में भी पिछले 12 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. बुधवार को रायबरेली में 29 डिग्री सेल्सियस दिन का तापमान दर्ज किया गया. 2009 के बाद से अभी तक इतना ज्यादा तापमान जनवरी में दर्ज नहीं किया गया था. बहराइच में भी 11 सालों का रिकॉर्ड टूटा है. बुधवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 2009 के बाद से अभी तक कितना तापमान नहीं दर्ज किया गया था. इसी तरह गोरखपुर में 26.8 डिग्री सेल्सियस बुधवार को अधिकतम तापमान था. 2010 के बाद इतना तापमान कभी नहीं रहा। अब सवाल यह है कि ऐसा हो क्यों रहा है? न्यूज़ 18 ने लखनऊ के मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता से विस्तार से इस बारे में बात की. जेपी गुप्ता ने बताया कि जनवरी के पहले हफ्ते में ये बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के कारण आया है।
मौसम में ऐसा बदलाव चलता रहता है. ऐसा नहीं है कि ये पहली बार हुआ है. अगले दो से तीन दिनों में मौसम फिर से बदल जायेगा. ठण्डी हवाओं का जोर प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बढ़ेगा। इससे तापमान में तेजी से गिरावट देखी जाएगी. कोहरे की संभावना जताई गई है।