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अगर दोनों टीकों की वैक्सीन होगी अलग अलग, तो कोविड के खिलाफ मिलेगी ज्यादा सुरक्षा


  • वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में अलग – अलग दावे किये जा रहे है। अभी तक दुनिया के अन्य हिस्सों में वैक्सीन की कमी, असमान पहुंच और सुरक्षा को लेकर चिंता के चलते वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया काफी धीमी या असंगत रही है। अभी तक लोगों को एक ही वैक्सीन के दो डोज लगाए जा रहे है पर अब शोधकर्ता दो अलग टीकों के डोज लेने के प्रभाव को बेहतर बता रहे है।

शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि कोविड-19 टीकों के लिए मिक्स-एंड-मैच दृष्टिकोण इन मुद्दों को कम करने में मदद करेगा और लोगों के लिए उपलब्ध टीकाकरण के नियमों में अधिक लचीलापन पैदा करेगा। दुनिया भर में, विभिन्न दवा कंपनियों ने टीके विकसित करने के लिए अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाए हैं। फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना ने एमआरएनए वैक्सीन बनाए।

ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन ने ऐसी वैक्सीन की तरफ जाने का फैसला किया, जो वायरल वैक्टर कहलाते हैं। नोवावैक्स कोविड-19 वैक्सीन प्रोटीन आधारित है। ऐसे में विभिन्न कोविड-19 वैक्सीन का मिश्रण एक से दूसरे दवा निर्माता, जैसे पहली डोज फाइजर की और दूसरी डोज मॉडर्ना, की तरफ जाना भर नहीं है,। बल्कि ऐसा करना इनकी उपलब्धता और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर कर सकता है।

विभिन्न ब्रांड और कोविड-19 वैक्सीन के अलग अलग प्रकारों को लेने का सबसे बड़ा लाभ इसकी उपलब्धता से जुड़ा है। लोग बिना किसी चिंता के जो भी वैक्सीन उपलब्ध हैं, उसे ले सकते हैं। वैश्विक टीकाकरण अभियान में तेजी लाने से, टीकों को मिलाकर और मिलान करने से इस महामारी को समाप्त करने में मदद मिल सकती है।

शोधकर्ताओं को यह भी उम्मीद है कि अलग-अलग टीकों के संयोजन से एक ही टीके की दोनों खुराक प्राप्त करने की तुलना में अधिक मजबूत, लंबे समय तक चलने वाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होगी। यह दृष्टिकोण लोगों को वायरस के उभरते हुए नये रूपों से बेहतर ढंग से बचा सकता है।