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अनिल देशमुख ने ईडी को लिखा- मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनके खिलाफ चल रही जांच में पारदर्शिता नहीं


  • मुंबई,। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करते हुए रविवार को सुप्रीम कोर्ट की शरण ली हैं। उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। इसके साथ ही देशमुख ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एक पत्र भेजकर दावा किया कि उनके खिलाफ चल रही जांच में पारदर्शी नहीं है।

एजेंसी ने बर्खास्त किए गए मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े के माध्यम से संचालित एक कथित रिश्वत रैकेट से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में राजनेता को सम्मन भेजा है। ईडी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को सोमवार को उसके सामने पेश होने को कहा है। वहीं देशमुख ने एजेंसी के सहायक निदेशक को पत्र भेजा है। “घटनाओं की एक श्रृंखला ने मेरे दिमाग में आशंकाओं को जन्म दिया है कि न तो कानून की प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और न ही कोई वस्तुपरक जांच की जा रही है। इसलिए, मैं यह सुनिश्चित करने के लिए माननीय न्यायालय से संपर्क कर रहा हूं कि कानून द्वारा स्थापित जांच प्रक्रिया के दायरे में है।

ईडी ने इसी मामले में देशमुख के बेटे ऋषिकेश को भी छह जुलाई को तलब किया है। यह तीसरी बार है जब देशमुख को ईडी ने मामले में समन भेजा है। उन्होंने एजेंसी के पहले के दो सम्मनों को छोड़ दिया। उन्होंने अपने वकीलों के माध्यम से अपने खिलाफ ईडी की शिकायत से संबंधित दस्तावेज मांगे थे और एजेंसी से उनका बयान ऑनलाइन दर्ज करने का भी अनुरोध किया था। उनके दोनों अनुरोधों को एजेंसी ने ठुकरा दिया था। देशमुख ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है और दावा किया है कि वह ईडी के साथ सहयोग कर रहे हैं।