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अफगानिस्‍तान में बढ़ सकती हैं तालिबान की मुश्किलें,


ओटावा । कनाडा बेस्‍ड थिंक टैंक ने कहा है कि यदि तालिबान ने आईएस-खुरासान गुट पर नियंत्रण नहीं पाया और उसके हमलों का जवाब नहीं दिया तो तालिबान के विरोधी गुटों का झुकाव इसकी तरफ हो सकता है। आपको बता दें कि हाल के कुछ माह में अफगानिस्‍तान में इस्‍लामिक स्‍टेट-खुरासान द्वारा किए गए हमलों की संख्‍या में इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि तालिबान ने काबुल पर 15 अगस्‍त को कब्‍जा किया था। इसके एक माह बाद उसने यहां पर अपनी अंतरिम सरकार का गठन किया था। तालिबान के काबुल पर कब्‍जे के बाद से अब तक आईएस-खुरासान ने कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है। इसकी शुरुआत अगस्‍त में ही काबुल एयरपोर्ट पर किए गए हमले से हुई थी। इसके बाद आईएस ने मस्जिद पर भी हमले किए जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी। इनमें अधिकतर हमले आत्‍मघाती थे।

थिंक टैंक का कहना है कि तालिबान के लिए आईएस-के गुट बड़ी चिंता की वजह बना हुआ है। तालिबान एक तरफ जहां विश्‍व बिरादरी से अपनी सरकार के लिए मान्‍यता पाने की कोशिश में लगा हुआ है वहीं आईएस के हमलों ने उसकी समस्‍या को बढ़ा रखा है।तालिबान को सत्‍ता में आए करीब 10 सप्‍ताह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अब तक तालिबान को आईएस-के को तोड़ नहीं मिला है। इंटरनेशनल फोरम फोर राइट एंड सिक्‍योरिटी (आईएफएफआरएएस) का कहना है कि तालिबान एक तरफ अफगानियों को अलकायदा से बचाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वो आईएस-के का भी सामना कर रहे हैं। दो फ्रंट पर एक साथ लड़ने की वजह से भी तालिबान के लिए मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।