पटना

अब किन्नर भी बनेंगे शिक्षक


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में आने वाले दिनों में किन्नर भी शिक्षक बनेंगे। स्कूलों में बच्चों को पढ़ायेंगे। राज्य में प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास होना जरूरी है। इसके पहले पेपर की परीक्षा पास करने वाले 1ली से 5वीं कक्षा के शिक्षक बनते हैं, जबकि दूसरे पेपर की परीक्षा पास करने वाले 6ठी से 8वीं कक्षा के शिक्षक बनते हैं।

माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) का पेपर वन पास होना और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर-टू पास होना जरूरी है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के पहले पेपर की परीक्षा में बैठने के लिए इंटरमीडिएट के साथ प्रारंभिक शिक्षा में दो वर्षीय पाठ्यक्रम (डीईएलएड) पास होना तथा दूसरे पेपर की परीक्षा में बैठने के लिए स्नातक के साथ डीईएलएड या बीएड की योग्यता अनिवार्य है। इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के पहले पेपर की परीक्षा के लिए स्नातक के साथ बीएड एवं दूसरे पेपर की परीक्षा के लिए स्नातकोत्तर के साथ बीएड की योग्यता अनिवार्य है।

किन्नर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक बनना चाहते हैं। माध्यमिक शिक्षक 9वीं-10वीं कक्षा में पढ़ाते हैं, जबकि उच्च माध्यमिक शिक्षक 11वीं-12वीं कक्षा में। अपने इसी सपने को साकार करने के लिए योग्यताधारी किन्नर बीएड की पढ़ाई  करना चाह रहे हैं। ऐसे किन्नरों ने बीएड पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए इस बार हुई बीएड प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने को फॉर्म भरे। यह पहला अवसर था, जब बीएड प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए किन्नरों द्वारा फॉर्म भरे गये। यह परीक्षा 13 अगस्त को राजधानी पटना सहित राज्य के 11 शहरों में 276 परीक्षा केंद्रों पर हुई है। इसमें बैठने के लिए फॉर्म भरने वाले 1,36,772 अभ्यर्थियों में 75,525 पुरुष, 61,238 महिला एवं नौ किन्नर अभ्यर्थी थे।

बहरहाल, बीएड की पढ़ाई के प्रति किन्नरों का आकर्षण इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में स्कूलों में किन्नर शिक्षक भी दिखेंगे।