पटना

अब गंगा भी उफान पर, मोतिहारी के शहरी इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी


पटना (आससे)। गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती के बाद अब गंगा नदी का भी जलस्तर बढ़ रहा है। समस्तीपुर से गुजरने वाली गंगा और बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में मंगलवार को भी वृद्धि जारी रही। समस्तीपुर के चकमेहसी थाना क्षेत्र के श्रीनाथपारन गांव से कलौंजर व बघला सहित दरभंगा, मुजफ्फरपुर जिले को जोडऩे वाली मुख्य सड़क के डगराहा पुल पर मंगलवार को बागमती नदी का पानी चढ़ गया। उत्तर बिहार से गुजरनेवाली गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार को मोतिहारी शहर के नौ वार्ड बाढ़ की चपेट में आ गए। बाढ़ के कारण दरभंगा के सिंहवाड़ा का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है।

मुजफ्फरपुर जिले में बहने वाली तीनों प्रमुख नदियां मंगलवार को खतरे के निशान को पार कर गईं। गंडक नदी लाल निशान ने 25 सेमी, बूढ़ी गडक़ 16 सेमी तो बागमती लाल निशान से 1.47 मीटर ऊपर बह रही है। तीनों नदियों का जलस्तर बढऩे से कटरा के दो पंचायत पूर्ण तो पांच पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हैं। बही औराई के चार पंचायत आंशिक रूप से व कांटी प्रखंड के छह पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। तीनों प्रखंड की सैकड़ों आबादी विस्थापित होकर बांध पर चली आयी है। जिला  प्रशासन ने औराई में तीन व कटरा में सात सामुदायिक किचन की शुरुआत की है, जहां बाढ़ पीडि़तों को दोनों समय खाना खिलाया जा रहा है।

मोतिहारी में बाढ़ का कहर थम नहीं रहा है। मोतिहारी नगर निगम के नौ वार्ड में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इसमें वार्ड एक व 16 की स्थिति अधिक गंभीर है। इन दोनों वार्ड के कई घरों का सड़क संपर्क भंग हो गया है। वहीं जिले के दस प्रखंडों की पांच लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है। मोतिहारी ढाका मुख्य मार्ग पर बस्तपुर के पास दो से तीन फुट बाढ़ का पानी बह रहा है। बंजारिया में जानपुल से बेतिया जानेवाली मुख्य सड़क पर तीन फुट पानी बह रहा है।

मधुबन में हरदिया गांव के पास एनएच पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। सुगौली में तीसरे दिन भी रेल परिचालन बंद रहा। गंडक व बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। डुमरिया घाट में गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। गंडक चटिया में जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। लाल बेगिया सिकरहना का जलस्तर स्थिर बना है। लाल बकेया गुवाबारी में जलस्तर में गिरावट जारी है। गंडक बराज वाल्मीकि नगर ने मंगलवार को 1,61,200 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया है।

बागमती नदी में आए उफान के कारण मुजफ्फरपुर के बेनीबाद व आसपास के क्षेत्रों से सिंहवाड़ा प्रखंड में तेजी से पानी आ रहा है। प्रखंड की कई पंचायतों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग हो चुका है। कलिगांव से चमनपुर हरिहरपुर जाने वाली सड़क पर तीन फुट पानी बह रहा है। इससे इस पथ पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। रामपुरा मठ से दरभंगा-मुजफ्फरपुर एनएच तक व रामपुरा गांव की ओर जाने वाली सड़क पर दो से ढाई फुट पानी बह रहा है।

भड़वाड़ा-पिपरा पथ पर पानी आ जाने से सिंहवाड़ा प्रखंड का कटरा प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है। वहीं, घनश्यामपुर प्रखंड के डूब क्षेत्र में बसे 10 गांवों की स्थिति भी गंभीर होती जा रही है। कमला-बलान का जलस्तर लगातार पांचवें दिन भी खतरे के निशान से एक मीटर से अधिक ऊपर है। बागमती नदी हायाघाट में भी खतरे के निशान के काफी करीब पहुंच गयी है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में मुक्तिधाम में भी बागमती का पानी फैलने लगा है। इससे शहर में भी बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है।

सीतामढ़ी जिले से गुजरने वाली बागमती व अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हालांकि, बारिश रुकने के बाद सभी नदियों के जलस्तर में तेजी से गिरावट हो रही है। पुपरी, बेलसंड, सुरसंड, चोरौत सहित अन्य जगहों पर बाढ़ के पानी से कई गांव घिरा हुआ है। सुरसंड, चौरौत का जिला मुख्यालय से सीधा समपर्क भंग है। वहीं शहरी इलाके में लखनदेई नदी का पानी कई निचले मोहल्ले में फैला है। शिवहर जिले में आयी बाढ़ की स्थिति फिलहाल सामान्य हो रही है।