Latest News उत्तर प्रदेश लखनऊ वाराणसी

अब वाराणसी कोर्ट में चलेगा मुख्तार का केस, हथियार जमा न करने का है मामला –


वाराणसी। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ तीन साल पहले गाजीपुर के मुहम्मदाबाद में दर्ज मुकदमे की सुनवाई वाराणसी के विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में होगी। हाई कोर्ट के आदेश पर गाजीपुर की जिला अदालत में लंबित मुकदमे को यहां स्थानांतरित किया गया है।

 

जिलाधिकारी द्वारा दो शस्त्र लाइसेंस को निरस्त किए जाने के बाद शस्त्रों को जमा नहीं करने पर मुख्तार के खिलाफ नौ अप्रैल 2021 को मुहम्मदाबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। शुक्रवार को मामले की पत्रावली विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में पेश की गई। अदालत ने सुनवाई के लिए 21 मार्च की तारीख तय की है।

लाइसेंस रद्द होने के बाद भी मुख्तार ने रखे शस्त्र

आरोप है कि मुख्तार ने राइफल एनपीबी नंबर 394761 शस्त्र नंबर 1207/पी 2 और दूसरा शस्त्र दोनाली बंदूक 1253/पी 2 शस्त्र लाइसेंस नंबर 11356 लिया था। इसे गाजीपुर के जिलाधिकारी ने 23 फरवरी 2017 और 29 मार्च 1996 को निरस्त कर दिया था। मुहम्मदाबाद पुलिस को दोनों शस्त्र और उनके लाइसेंस जब्त करने का आदेश दिया था। मुख्तार ने मुकदमा दर्ज होने की तारीख तक शस्त्र और लाइसेंस को जमा नहीं कराया था। शस्त्र लाइसेंस रद्द होने के बाद भी मुख्तार ने अनधिकृत रूप से दोनों हथियार अपने पास रखे और इनके बारे में जानकारी नहीं दी।

मुख्तार ने फर्जी तरीके से लिया था शस्त्र लाइसेंस

जांच-पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि मुख्तार ने फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस लिया था। पुलिस ने मुकदमे में विवेचना पूरी कर 25 जुलाई 2021 को मुख्तार के खिलाफ आयुध अधिनियम की धारा 21/25 के तहत अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। मुख्तार के खिलाफ 37 साल पहले फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस लेने के मुकदमे की सुनवाई वाराणसी की अदालत में चल रही थी। इससे जुड़े दूसरे मुकदमे की गाजीपुर में सुनवाई चल रही थी। दोनों मामलों की सुनवाई एक ही अदालत में चलाने के लिए प्रदेश शासन की ओर से गाजीपुर में लंबित मुकदमे को बनारस की अदालत में स्थानांतरित करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।

मुख्तार को मिल चुकी है उम्रकैद की सजा

याचिका पर सुनवाई बाद हाई कोर्ट ने एक दिसंबर 2023 को गाजीपुर में लंबित उपरोक्त मुकदमे को बनारस की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस लेने के मामले में अदालत ने बीते 13 मार्च को मुख्तार को उम्रकैद की सजा सुना दी है।