पटना

अरवल: चावल वितरण शिक्षकों के लिए बना गले की हड्डी


कलेर (अरवल)। कोरोना महामारी को लेकर विद्यालय का पठन पाठन बंद हैं। बच्चों की उपस्थिति नामांकन पंजी पर नही बन रहा हैं। इसी बीच विद्यालय में नामांकित बच्चों को तीन माह का चावल देना है, लेकिन चावल वितरण शिक्षकों के लिए गले की हड्डी बन गई हैं। उत्क्रमित मध्य विद्यालय बंधुविगहा के शिक्षक नेता अनिल कुमार राय ने बताया कि नामांकन के अनुसार चावल नही मिलने के कारण सभी नामांकित छात्र-छात्राओं को चावल देना संभव नहीं है, लेकिन अभिवावकों को समझने पर भी मानने को तैयार नहीं है।

शैक्षणिक सत्र 2021-22 के सभी छात्रों के अभिभावकों द्वारा चावल के लिए शिक्षक पर विद्यालय में दबाव ही नहीं बना रहे हैं, लड़ने पर उतारू हो जाते है। शिक्षक द्वारा जब बताया जाता है कि नये नामांकित छात्र को चावल नही दिए जाने का आदेश है। इस पर शिक्षक से लिखित आदेश की मांग किया जाता है।

चावल वितरण के बाद लाभान्वित छात्रों को खाते पर डीबीटी के माध्यम से राशि जाएगा। लेकिन लॉक डाउन के करण नए नामांकित बच्चों का डीबीटी नही हो सका। यह भी एक समस्या है। शिक्षक नेता का कहना है कि सवाल एक विद्यालय का नही है, स्पष्ट निर्देश नहीं मिलने मिलने के कारण शिक्षक बलि के बकरा बन रहे हैं।