पटना

अरवल: शहरों में पढ़ने वाले छात्र गांव की पगडंडियों पर बिता रहे हैं समय


कोरोना महामारी ने छात्रों के भविष्य पर लगाया ग्रहण

अरवल। कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के बाद पटना, कोटा एवं दिल्ली समेत विभिन्न बड़े शहरों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं इन दिनों में अपने गांव लौट चुके हैं। इन्हें आपने पढ़ाई एवं भविष्य के साथ चिंता सता रही है। विभिन्न विद्यालय एवं शिक्षण संस्थान बंद होने के बाद उनके आगे की पढ़ाई कैसे होगी, कोरोना महामारी से कब लोगों को निजात मिलेगी, यह बीमारी पूरी दुनिया से अलविदा होगी भी या नही, ऐसे कई सवाल छात्रों के समक्ष उत्पन्न हो गए हैं।

पटना में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे सूरज कुमार बताते हैं वे पटना में रहकर एक निजी शिक्षण संस्थान कोचिंग कर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। परंतु लॉकडाउन लगने के कारण उनका कोचिंग बंद हो गया और वापस घर आ गए है जिसके बजह से आगे की पढ़ाई के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वे बताते हैं कि विभिन्न शिक्षण संस्थान ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की गयी है, परंतु गांव आने के बाद कभी नेटवर्क की समस्या से जूझना पड़ता है तो कभी बिजली की समस्या से। इस स्थिति में पढ़ाई मानो पूरी तरह से बाधित हो गई है।

गांव के पगडंडियों चौपालों में बैठकर दिन व्यतीत करना पड़ रहा है। ऐसे में हम लोगों को चिंता सताए जा रहा है कि आखिर कब तक इस कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी से लोगों को निजात मिलेगी और हम लोग फि़र आगे की पढ़ाई प्रारंभ करेंगे। चूंकि ऑनलाइन के माध्यम से भी क्लास किया जा रहा था लेकिन ऐसे सुदूरवर्ती गांवों में पहुंचने के बाद नेट की समस्या लगातार रहती है, जिसके वजह से हम लोगों को ऑनलाइन पढ़ाई में भी कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न हो रही है।

इस तरह की समस्या प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव का है, जहां के बच्चे बड़े-बड़े शहरों में पढ़ाई करते थे लेकिन कोरोना महामारी के वजह से अपने अपने गांव लौट आए हैं जिससे छात्रों का भविष्य मानो अधर में लटकता दिखाई दे रहा है।