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कोरोना बनेगा मानवताकी जिजिविषा
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Post Views: 454 आर.के. सिन्हा कोरोना वायरसकी दूसरी लहरने भारतको घुटनेपर आनेपर मजबूर कर दिया है। ऐसी घटनाओंको लोग भूल जाना चाहते हैं और बहुत जल्दी भूल भी जाते हैं। यदि बात गुजरे सौ-सवा सालोंकी करें तो स्पेनिश फ्लूके कारण भी भारतमें बहुत भारी तबाही मची थी। करोड़ों लोग मारे गये थे। गांवके गांव साफ […]
देशका दूरगामी हित स्थायी
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Post Views: 525 अवधेश कुमार परिस्थितियां चाहे जितनी विकट हो निर्णय हमेशा वर्तमानके साथ भविष्यका ध्यान रखते हुए लिया जाना चाहिए। घनघोर संकटों और विकट परिस्थितियोंमें आम आदमी अपना धैर्य खो देते हैं और दबावोंमें देश ऐसे फैसले करता है जो वर्तमानके साथ भविष्यमें भी उनके लिए दूसरे संकट और बड़ी चुनौतियोंका कारण बनता है। […]
सार्वभौमीकरणसे शिक्षाकी गुणवत्तामें सुधार
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Post Views: 755 जोगिन्दर सिंह किसी देशको अपना भविष्य उज्ज्वल बनानेके लिए उसके बचपनकी देखभाल, पालन-पोषण और संभाल करनी आवश्यक है। जीवनके पहले आठ सालमें और खासकर बाल्यावस्थाके पहले तीन सालके दौरान बच्चेका ठीक पालन-पोषण और देखभाल करना बहुत जरूरी है। इसका असर बच्चेके पूरे जीवनपर पड़ता है। शुरुआती सालोंमें देखभाल और बच्चोंका सही पालन-पोषण […]

