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Post Views: 292 श्रीश्री रविशंकर जब दुनिया आपको दोषी ठहराने लगे। जब आपके अपने ही आपको समझनेकी कोशिश न करें। ऐसी स्थितिमें आपको केवल आंतरिक मजबूती ही रास्ता दिखा सकती है। केवल आपकी आंतरिक मजबूती ही आपको खुश रहनेका अवसर दे सकती है। जब हालात आपके लिए प्रतिकूल हो जाते हैं, तब आपको सहनशक्ति, साहस […]
लोकमंगलका अनुष्ठान राजनीति
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Post Views: 490 हृदयनारायण दीक्षित विश्वका भाग होनेके कारण मनुष्य और प्रकृतिके मध्य आत्मीय संबन्ध हैं, लेकिन अंतर्विरोध भी है। मनुष्य सामाजिक प्राणी है इसलिए समाजका हिस्सा है। अनेक मनुष्य सामाजिक नियम नहीं मानते थे। अपराध कर्म भी करते थे। समाज और ऐसे मनुष्योंके बीच अंतर्विरोध स्वभाविक है। अपराध रोकना और समाजको स्वभाविक संगतिमें गतिशील […]
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