पटना

इस्पात के उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा भारत : आरसीपी


केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन योजना को दी मंजूरी

(आज समाचार सेवा)

पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी। इस येाजना की अवधि वर्ष २०२३-२४ से वर्ष २०२७-२८ तक पांच वर्षों की होगी। ६३२२ करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ इस योजना से करीब ४०, ००० करोड़ रुपये का निवेश होने और विशेष इस्पात के लिए २५ मिलियन टन क्षमता संवर्धन होने की उम्मीद है। इस योजना से करीब ५.२५ लाख लोगों को रोजगार मिलेगा जिसमें से ६८.०० प्रत्यक्ष रोजगार होगा।

केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस्पात क्षेत्र के लिए सरकार की ओर से यह बहुत की सामयिक, साहससिक एवं ऐतिहासिक निर्णय है। इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा बल्कि पूंजी निवेश भी होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इससे वर्ष २०२६-२७ तक देश में ४२ मिलियन टन विशेष इस्पात का उत्पादन होगा जिसका मूल्य २.५ लाख करोड़ होगा। अभी देश में विशेष इस्पात का उत्पादन केवल १८ मिलियन टन है। उन्होंने कहा कि इससे निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी और देश से करीब ५.५ मिलियन टन विशेष इस्पताल का निर्यात होगा। करीब ३३, ००० करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी।

श्री सिंह ने कहा कि विशेष इस्पात के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनकर भारत इस्पताल की मूल्य शृंखला में उन्नति करेगा और कोरिया और जापान जैसे उन्नत इस्पात विनिर्माणकारी देशों के समकक्ष आएगा। इस योजना का लाभ बड़े भागीदारों अर्थात एकीकृत इस्पात संयंत्रों और छोटे भागीदारों (द्वितीय इस्पात भागीदार), दोनों प्राप्त होगा।