अलीगढ़

उत्तराखंड की डोर संभालने वाले रावत तीन दशक पहले रहे है विद्यार्थी परिषद के प्रचारक


मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद महा मंडलेश्वर का लिया आशीर्वाद

देहरादून। उत्तराखंड के 10वें मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तीन दशक पहले विद्यार्थी परिषद के प्रचारक रह चुके है। 1992 में सबसे पहले श्री रावत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में गढवाल विश्व विद्यालय बिडला परिसर के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। वह उत्तराखंड में भी दो बार मंत्री भी रह चुके हैं। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने गुरू महा मंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी जी महाराज का आशीर्वाद भी लिया।
अगर सूत्रों पर भरोसा करकें तो उत्तराखंड के सीएम ने विद्यार्थी परिषद के प्रचारक रहते हुए लखनऊ में ओटीसी कैंप किया। उस समय राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रचारक रहे स्वामी श्री प्रबोधानंद गिरी जी महाराज भी उनके साथ रहे। तभी से वह स्वामी जी को अपना गुरू मानते है। बतादें कि पिछले 8 महीनांे से प्रदेश में हिंदूवादी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने की राष्ट्रीय हिंदू सेना मुहिम चला रही थी, जिसमें उन्हें सफलता भी मिलीं। फोन पर हुई संक्षिप्त बातचीत में महा मंडलेश्वर जी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले चार साल से एक हिंदूवादी संत समाज के योगी आदित्यनाथ एक कुशल सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। वहीं अब उत्तराखंड के लिए भी एक कुशल, अच्छे मुख्यमंत्री प्राप्त हुए है।