पटना

उद्योग जगत की हर मांग पर सरकार खुले दिल से विचार करेगी : शाहनवाज


उद्योग मंत्री ने एसआरटीईपीसी के साथ मुम्बई में की बैठक

पटना (आससे)। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने सिंथेटिक रेयन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एसआरटीइपीसी) के साथ बिहार के लिए कपड़ा नीति के मसौदे पर चर्चा की। बैठक ३० जून २०२१ को एसआरटीईपीसी के मुख्य कार्यालय, रेशम भवन, चर्चगेट, मुंबई में आयोजित की गयी थी। बैठक में एसआरटीईपीसी की कार्यकारी परिषद ने भाग लिया, जिनमें धीरज रायचंद शाह, अध्यक्ष, एसआरटीईपीसी, भद्रेश दोढिया, संजीव शरण, राकेश मेहरा, राकेश सरावगी आदि प्रमुख थे। बैठक में बिहार प्रशासन की ओर से अपर मुख्य सचिव उद्योग, बृजेश मेहरोत्रा एवं निवेश आयुक्त आरएस श्रीवास्तव उपस्थित थे।

बैठक के प्रारंभ में बृजेश मेहरोत्रा ने बिहार पर एक परिचय दिया। इसके बाद आरएस श्रीवास्तव द्वारा बिहार में निवेश का माहौल पर एक प्रस्तुति दी गयी, जिसमें बिहार में नयी सरकार के उद्योग-व्यापार के अनुकूल दृष्टिïकोण पर प्रकाश डाला गया। प्रस्तुति में राज्य में कुशल एवं सस्ते कार्यबल की उपस्थिति, औद्योगिक भूमि की आसान उपलब्धता और उद्योग को चौबीसों घंटे बिजली-पानी की प्रचुरता पर प्रकाश डाला गया। इसके बाद बिहार की कपड़ा नीति के मसौदे पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गयी, जिसमें राज्य द्वारा दिये जा रहे तथा प्रस्तावित प्रोत्साहनों पर प्रकाश डाला गया और चर्चा के लिए मंच खोला गया।

उद्योग मंत्री श्री हुसैन ने एसआरटीइपीसी की कार्यकारिणी के सदस्यों के सुझावों को बहुत ध्यान से सुना और बिहार में निवेश के लाभ की बारीकियों को बहुत सफाई से समझाया। उन्होंने बताया कि घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों के लिए समस्त पूर्वी भारत में बिहार का विशेष सामरिक लोकेशन है। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में आज लैंडलॉकड राज्य का मसला पहले जैसा नहीं है। अधिकांश जिले बिहार या आसपास के राज्यों में नजदीकी हवाई अड्डों, मसलन, पटना, दरभंगा, गया, गोरखपुर, वाराणसी, बागडोगरा के माध्यम से आसानी से शेष भारत/विश्व से जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय जलमार्ग १ के पूरा होने के बाद मॉल के परिवहन में बहुत सहूलियत आयेगी।

वर्तमान में रोड एवं रेल परिवहन का जाल बिहार में बहुत ही अच्छा है। एक्सपोर्ट हेतु फ्रेट सब्सिडी के मामले पर हुसैन ने कहा कि उद्योग जगत की हर जायजन मांग पर सरकार खुले दिल से विचार करेगी। मंत्री ने फिर राज्य में स्थिरता और सुशासन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने प्रमुख औद्योगिक राज्यों की तुलना में बिहार में बहुत कम अपराध दर की बात करने के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों की ओर इशारा किया।

मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार राज्य निवेश की मार्केटिंग मात्र पर रिश्ता नहीं छोड़ देती वरन राज्य में लगे हुए उद्योगों की समस्याओं के प्रति भी बहुत ही संवेदनशील है और उनके समाधान के लिए भी वहीं तत्परता है। एक निवेशक के पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में राज्य ने सिंगल विंडो सिस्टम को वास्तव में प्रभावी बनाने के लिए कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म (सीएएफ) की ऑनलाइन फाइलिंग की प्रणाली सुदृढ़ की है और अब यह पूरी तरह चालू है।

मंत्री ने हाल के बड़े निवेश इरादों के बारे में बात की जो राज्य को मिले हैं जैसे कि जेएसडब्ल्यू, एस्सार और माइक्रोमैक्स। उन्होंने बताया कि बिहार देश में सबसे तेजी से बढ़ रहा है और महामारी के बावजूद दोहरे अंकों की विकास दर बनाये रखनेवाला एकमात्र बड़ा राज्य है। उन्होंने बताया कि नवंबर, २०२० से, राज्य ने ३०० से अधिक एसआईपीबी स्टेज। स्वीकृतियां दी हैं, जिसमें कोविड १९ महामारी के बावजूद रु. १९,९५८ करोड़ का निवेश सन्निहित है। उन्होंने कहा कि बिहार में ५३ प्रतिशत से अधिक आबादी २५ वर्ष से कम उम्र की है और इसलिए बिहार श्रम प्रधान उद्योग के लिए सबसे उपयुक्त राज्य है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश श्रमिक जो कोरोना में लौटे हैं, वे कपड़ा क्षेत्र से थे और एक अधिक विकेन्द्रीकृत औद्योगिक व्यवस्था चाहते हैं जो उन्हें ‘घर से काम करने’ में सक्षम बना सके।

उन्होंने जनसांख्यिकीय लाभांश सहित विभिन्न लाभों का लाभ उठाकर बिहार में आने और निवेश करने के लिए उद्यमियों का आवाहन किया और कहा कि भारत के कपड़ा व्यवसायी यदि साथ दें तो शीघ्र बिहार परिधान उद्योग में देश को बांग्लादेश से आगे ले जा सकेगा। एसआरटीइपीसी के सदस्यों ने सरकार के प्रगतिशील दृष्टिकोण की सराहना करते हुए मसौदा नीति पर आशाजनक प्रतिक्रिया दिखायी और कहा कि गहन आंतरिक चर्चा के बाद यदि आवश्यक हुआ तो और सुझाव सरकार को भेजा जायेगा। बैठक का समापन भद्रेश दोधिया, उपाध्यक्ष, एसआरटीईपीसी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।