दीपक सक्सेना ने पार्टी नेताओं को एक चिट्ठी भी लिखी है। चिट्ठी में लिखा है, ‘मैं साल 1974 से कांग्रेस का सदस्य रहा हूं। साल 1990 से सात बार विधानसभा का चुनाव लड़ा। एमपी कांग्रेस कमेटी में दिग्विजय सिंह के साथ पांच साल तक सह सचिव पद पर रहा हूं।’
एमपी में कांग्रेस की सरकार के दौरान मुझे दो बार मंत्री बनाया गया। 2003 के विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद मुझे फिर विधानसभा उम्मीदवार बनाया गया। साथ ही मुझे दो बार विधायक प्रतिनिधि भी बनाया गया। मैं कांग्रेस नेताओं का आभारी रहूंगा।
चिट्ठी के अंत में लिखा है कि वर्तमान परिस्थितियों में मैं अपने दायित्वों का पालन नहीं कर सकूंगा। इसलिए मैं विधायक प्रतिनिधि और संगठन के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।
दीपक सक्सेना के बेटे के बीजेपी में जाने की चर्चा
इसी बीच, दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना के बीजेपी में जाने की चर्चा है। अजय कई अन्य नेताओं के साथ बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं।