पटना

एम्स पटना से डेढ़ साल तक इलाज के बाद स्वस्थ होकर यूपी अपने घर लौटा भरत, भावुक हुए एम्स के चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ


      • पटना में मजदूरी करने आ रहे भरत का हुआ था रोड एक्सीडेंट, गंभीर हालत में लावारिस की तरह एम्स में हुआ इलाज
      • एक साल तक गंभीर हालत में नहीं बता पाया था नाम व घर का पता
      • एम्स ने लावारिस मजदूर को बेटे की तरह निःशुल्क इलाज कर किया स्वस्थ
      • डेढ़ साल बाद पिता आये बेटे को एम्स से लेने तो भावुक हो गए एम्स के डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ

फुलवारी शरीफ । फुलवारी शरीफ में एक रोड एक्सीडेंट में जख्मी मजदूर का एम्स पटना में डेढ़ सालों तक डॉक्टरों ने इलाज औऱ सेवा करके पूरी तरह स्वस्थ किया है। एम्स में फुलवारी शरीफ थाना पुलिस द्वारा लावारिस मजदूर के रूप में भर्ती कराने के बाद जब उसकी सुधी लेने कोई नही पहुंचा तब एम्स के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ ने अपने स्तर से इलाज दवा खाने और कपड़े की डेढ़ साल तक व्यवस्था करते रहे।

मजदूर की हालत इतनी खराब थी कि वह बोल भी नही पाता था ताकि उसके घर का नाम पता हासिल कर परीजनो को खबर पहुंचाई जा सके। इस बीच एम्स पटना के डीन डॉ उमेश भदानी को पता चला कि एक साल तक इलाज के बाद मजदूर ने बातचीत करना शुरू कर दिया है तब उन्होंने उससे काफी प्रयास के बाद जाना कि वह यूपी का रहने वाला है और पटना में कई मजदूरों के साथ कमाने जा रहा था तब उसका दुर्घटना हो गई। बता दें कि फुलवारी में नेशनल हाइवे पर अहले सुबह-सुबह हुए सड़क हादसे में कई मजदूरों की मौत हो गयी थी और कई घायल हो गए थे।

एम्स पटना के डीन डॉ उमेश भदानी ने काफी प्रयासों के बाद मजदूर भरत पिता सुभाष मिस्त्री तक उसके दुर्घटना और एम्स में इलाजरत होने की खबर पहुंचायी। हालांकि मजदूर भरत का परिवार अत्यंत ही गरीबी में जी रहा था जिसे लॉकडाउन में बढ़ी परेशानियों के चलते एम्स पटना आने में कई महीने लग गए। एम्स पटना पहुंचे मजदूर भरत के पिता अपने बेटे को सही सलामत देख फफक पड़े और गले लगा लिया।

उन्होंने एम्स पटना के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की खूब प्रशंसा की जिन्होंने उनके बेटे की जान बचाई और डेढ़ सालों तक सुरक्षित रखकर परिजनों के आने का इंतजार भी किया। इस कोरोना महामारी के बीच एम्स में लावारिस मजदूर भरत के इलाज दवाई खाने पीने और कपड़ो तक कि व्यवस्था एम्स के चिकित्सकों ने अपने स्तर पर कर एक मिशाल कायम किया है।

एम्स पटना से डेढ़ साल तक इलाज के बाद स्वस्थ होकर यूपी अपने घर पिता सुभाष मिस्त्री के साथ जब भरत विदा होने लगा तब उसे आर्थिक मदद भी दी गई। डेढ़ साल लावारिसों के तरह इलाज कराने के बाद बाद अपने पिता के साथ लौटने के वक्त मजदूर भरत को खुशी-खुशी जाते देख एम्स के डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ भी भावुक हो गए।