चंडीगढ़, । एसवाईएल का विवाद पर हरियाणा के मुख्यमंंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों की टीमें भी मौजूद हैं। यह बैठक सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रही है। इस बैठक में कोई ठोस नतीजा निकलने की ज्यादा संभावना नहीं है, लेकिन इसे विवाद को सुलझाने की दिशा में सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
बैठक से ठोस नतीजे की उम्मीद नहीं, लेकिन सकारात्मक पहल हुई
बता दें पंजाब रावी-ब्यास नदी के पानी की मात्रा के पुनर्मूल्यांकन की मांग कर रहा है, जबकि हरियाणा एसवाईएल नहर के निर्माण को पूरा करने की मांग कर रहा है, ताकि उसे पानी का 35 लाख एकड़ फीट का अपना हिस्सा मिल सके। एसवाईएल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था और केंद्र सरकार को फैसला लागू कराने के लिए मध्यस्थता की जिम्मेदारी सौंपी है।
हरियाणा निवास में बैठक करते पंजाब सीएम भगवंत मान व हरियाणा सीएम मनोहर लाल।(जागरण)
चंडीगढ़ में हरियाणा निवास में हो रही है बैठक
बैठक हरियाणा निवास मेंं हो रही है। एसवाईएल के मुद्दे पर बैठक के लिए हरियाणा निवास में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पहुंचे तो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद बैठक शुरू हुई। बैठक में दोनों पक्ष के अधिकारी अपने राज्यों का इस बारे में पक्ष रखा। इसके बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान और हरियाणा सीएम मनोहर लाल पूरे मामले पर चर्चा कर रहे हैंं।
एसवाईएल मामले पर दोनों राज्याें में सियासत तेज
बता दें कि एसवाईएल मुद्दे पर दोनों राज्या में राजनीति गर्म रही है और एक बार फिर इस पर सियासत तेज हो गई है। पंजाब के विपक्षी दलोंं ने भी बैठक से पहले वीरवार को भगवंत मान से कहा था कि वह हरियाणा सीएम के साथ बैठक में पंजाब के हितों के साथ कोई समझौता न करें। पंजाब कहता रहा है कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है। दूसरी ओर, हरियाणा का कहना है कि पहले हुए समझौते के अनुरूप पंजाब उसके हिस्से का पानी दे।
बाजवा बोले- भगवंत मान को पहले पंजाब में सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी
दूसरी ओर, पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को पहले सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी। उन्हें सभी को बताना चाहिए था कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ हो रही बैठक में पंजाब का क्या पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि यह बैठक नहीं हुई लेकिन मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद भगवंत मान को आल पार्टी बैठक बुलानी चाहिए और उस बैठक में सभी पार्टियों को बताना चाहिए कि उन्होंने क्या स्टैंड लिया।
वहीं, कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि एसवाईएल की समस्या कांग्रेस पार्टी की देन है। बाजवा के आल पार्टी बैठक बुलाने की मांग पर चीमा ने कहा, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के साथ किस बात पर विचार-विमर्श किया जाए। कांग्रेस ने एसवाईएल की समस्या खड़ी की और शिरोमणि अकाली दल ने उसमें उनका साथ दिया।