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ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई फिर संभाली पिता की राजनीतिक विरासत; अखिलेश का CM पद तक का सफर –


नई दिल्ली, । उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर उन्हें शुभकामनाएं और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। महज 38 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने वाले अखिलेश यादव उर्फ टिपू का हायर एजुकेशन से लेकर राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प है।

अखिलेश यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई में 1 जुलाई, 1973 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सैफई के में ही हुई। यहां से पढ़ाई करने के बाद वह राजस्थान के धौलपुर में स्थित मिलिट्री स्कूल गए, जहां से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मैसूर में स्थित एक कॉलेज से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

अपनी ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद अखिलेश हायर एजुकेशन के लिए ऑस्ट्रेलिया गए, वहां से उन्होंने सिडनी यूनिवर्सिटी से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री की है।

अखिलेश-डिंपल की लव स्टोरी

अखिलेश यादव और डिंपल की लव स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। कई जानकारों का कहना है कि डिंपल और अखिलेश की मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुए थी, जिसके बाद दोनों अच्छे दोस्त बन गए। दोनों की जब पहली मुलाकात हुई तो अखिलेश उस वक्त इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे तो डिंपल स्कूल में पढ़ रही थी।

बताया जाता है कि अखिलेश ऑस्ट्रेलिया में अपनी हायर एजुकेशन के वक्त भी डिंपल के टच में थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद परिवार टिपू पर शादी के लिए दबाव बनाने लगा था।

इसपर उन्होंने अपने घर में डिंपल को लेकर बात की तो पिता मुलायम सिंह यादव नाराज हो गए, पर अखिलेश यादव अड़े रहे और अंत में पिता की इजाजत पर 24 नवंबर, 1999 को दोनों शादी के बंधन में बंध गए।

राजनीति में दिलचस्पी

राजनीति में दिलचस्पी होने के चलते अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद अखिलेश भारत लौट आए और अपने पिता दिवंगत मुलायम सिंह यादव के साथ मिलकर राजनीति चर्चाओं में शामिल होने लगे। उन्होंने खुद कई बार इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया है कि वह राजनीति में अपनी मर्जी से आए हैं।

अखिलेश यादव पहली बार 2000 में कन्नौज लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज कर संसद भवन पहुंचे थे। वह खाद्य, नागरिक आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण समिति के सदस्य भी रहे हैं। इस के बाद उन्होंने साल 2012 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाई थी और सपा ने उस वक्त अपने दम पर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था।

बहुमत हासिल करने के बाद उम्मीद थी कि नेताजी मुलायम सिंह एक बार फिर सूबे की कमान संभालेंगे, लेकिन महज 38 साल की उम्र में मुख्यमंत्री पद के शपथ ली और वह इस पद को संभालने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए थे।

चाचा को किया चित

2012 से 2107 तक उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज रहे अखिलेश यादव को 2017 चुनाव से पहले परिवार के बीच की कलह और रार ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। चुनाव में समाजवादी पार्टी को इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी थी। इसके बाद शिवपाल और अखिलेश के रास्ते अलग-अलग हो गए, लेकिन साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में शिवपाल ने अपनी पार्टी प्रसपा का सपा में विलय कर दिया और विधानसभा का चुनाव सपा की सीट पर लड़ा।

पहली बार लड़ा विधानसभा चुनाव

अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक भले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हो, लेकिन वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़े थे। वह अपने पहले कार्यकाल में विधान परिषद के जारी विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने 2022 में मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और भारी मतों से जीत हासिल की।

इन पदों पर रहे हैं अखिलेश यादव

  • 2000 में पहली बार कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद बने। उन्होंने इस सीट से लगातार तीन बार जीत हासिल की।
  • 2012 में अखिलेश यादव ने लोकसभा के सदस्य पद से इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
  • 2019 में उन्होंने आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
  • जनवरी 2017 में अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बने। इसके बाद से लगातार अखिलेश यादव अध्यक्ष हैं।
  • 2022 में मैनपुरी की करहल सीट से जीत कर दी। इस वक्त वह उत्तर प्रदेश विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष हैं।