इंडोनेशिया में कोयले के व्यापार के नाम पर लगभग ४ करोड़ रुपये के ठगी एवं धोखाधड़ी के शिकार पीडि़त पक्षकारों ने मुकदमा नहीं उठाने पर धमकी दिए जाने का आरोप लगाया है साथ ही इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाने की मांग की। पीडि़त पक्षकारों उदय राजगढिय़ा, शैलेन्द्र अग्रवाल, आनन्द प्रकाश ने अपने को व्यापारी बताते हुए कहा कि दुर्गाकुंड निवासी सुयश अग्रवाल एवं उनके पिता कुंअर कृष्ण अग्रवाल ने इंडोनेशिया में कोयले का कारोबार बताते हुए निवेश करने पर अच्छे लाभ और दिए गये पैसों पर बैंक गारंटी की बात कही। जिस पर विश्वास करके पीडि़तों ने वर्ष २०१७ में सितम्बर से दिसम्बर तक कई किस्तों में आरटीजीएस के जरिये चार करोड़ से ऊपर का निवेश कर दिया। लम्बा समय बीतने के बाद जब एक पैसे का मुनाफा नहीं मिला तब पीडि़़तो ने बैंक गारंटी के कागजात को जांच कराया तो बैंक ने उसे फर्जी बताया तब पीडि़तों के खुद के ठगने का विश्वास होने पर आरोपियों से अपना पैसे वापस करने की मांग की तो आरोपी उन्हें टरकाते रहते थे और धमकियां दी जाने लगी। अंतत: भेलूपुर, शिवपुर, सिगरा में आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया तो आरोपियों द्वारा मुकदमा नहीं उठाने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जाने लगी और गुमराह करने के साथ गलत आरोप लगाये जाने लगा। पीडि़त पक्षकारों ने मीडिया के सामने स्थिति स्पष्ट कर न्याय की गुहार लगायी और अदालत पर विश्वास जताया। एक अन्य पीडि़त जी.पी. मिश्र ने कहा कि डेढ़ करोड़ के ठगी के शिकार वह भी हुए थे लेकिन दबाब बनाने पर आरोपियों ने उनका पैसा वापस कर दिया।