मेधा सॉफ्ट में ‘वाई’-निशान अंकित बच्चों के खाते में जायेगी राशि
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। मेधा सॉफ्ट में ‘वाई’-निशान अंकित बच्चों को मध्याह्न भोजन पकाने के पैसे मिलेंगे। राज्य के 72 हजार सरकारी स्कूलों में 1ली से 8वीं कक्षा में नामांकित बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना की सुविधा है। ऐसे बच्चों की संख्या डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा है।
दरअसल, कोरोना की दोनों लहरों में कोरोना से बचाव को लेकर स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को पके-पकाये भोजन के बदले प्रति कार्यदिवस के हिसाब से उन्हें खाद्यान्न देने की व्यवस्था की गयी। खाद्यान्न पकाने के एवज में परिवर्तित मूल्य की राशि बच्चों या उनके अभिभावकों के खाते में देने की व्यवस्था भी गयी। यह राशि डीबीटी के जरिये बच्चे या उनके अभिभावक के बैंक खाते में हस्तांतरित करने की व्यवस्था है। यह राशि उन्हीं बच्चों को दी जाती है, जिनके नाम के आगे मेधा सॉफ्ट में ‘वाई’-निशान अंकित किया जाता है।
गुरुजी ने बेचे कितने बोरे लिया जायेगा हिसाब
पटना (आशिप्र)। इसका भी हिसाब लिया जायेगा कि गुरुजी ने कितने खाली बोरे बेचे। यह हिसाब जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों के माध्यम से मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय लेगा।
मध्याह्न भोजन योजना के खाद्यान्न के खाली बोरे दस रुपये की दर से बेचे जाने हैं। दरअसल, लेखापरीक्षा (महालेखाकार कार्यालय) द्वारा जिले के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित अभिलेख के नमूना लेखापरीक्षा के क्रम में पाया गया कि खाद्यान्न के खाली बैग को बिक्री कर सरकारी राजस्व प्राप्त नहीं किया जा रहा है, जिससे सरकारी राजस्व की हानि हो रही है। इसके मद्देनजर वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के खाली बैग बेचने एवं उससे प्राप्त राशि की प्रविष्टि रोकड़ पंजी में करने के निर्देश मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक सतीश चन्द्र झा द्वारा सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (मध्याह्न भोजन योजना) को 22 जुलाई को दिये गये थे। इससे संबंधित रिपोर्ट भी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (मध्याह्न भोजन योजना) से एक सप्ताह में मांगी गयी थी।
इसकी भी समीक्षा मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक सतीश चन्द्र झा 10 अगस्त को जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (मध्याह्न भोजन योजना) के साथ ऑनलाइन बैठक में करेंगे।
इसके मद्देनजर मेधा सॉफ्ट में गत जनवरी, फरवरी एवं मार्च माह में शतप्रतिशत ‘वाई’-निशान अंकित करने के संबंध में अद्यतन रिपोर्ट की समीक्षा की तैयारी है। मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक सतीश चन्द्र झा 10 अगस्त को सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (मध्याह्न भोजन योजना) की समीक्षात्मक बैठक ऑनलाइन लेंगे।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में खाद्यान्न के उठाव एवं वितरण की उपयोगिता तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम एवं द्वितीय त्रैमास के खाद्यान्न उठाव की भी समीक्षा होगी। जिलों के द्वारा प्राप्त किये जा रहे चावल के उठाव-वितरण, भारतीय खाद्य निगम एवं राज्य खाद्य निगम के विपत्र के भुगतान, शिकायतों की जांच एवं उस पर हुई काररवाई सहित समीक्षा के और भी कई बिन्दु तय किये गये हैं।
आपको याद दिला दूं कि आजादी का 75वां साल पूरा होने के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव मनाने की तैयारी है। अमृत महोत्सव को स्कूलों की पोषण वाटिका से जोड़ा गया है। इसके मद्देनजर इसकी भी समीक्षा होगी।