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कर्नाटक: लॉकडाउन लागू होने से पहले बड़ी संख्या में बेंगलुरु से पलायन करते दिखे लोग


  • बेंगलुरु, 28 अप्रैल। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कर्नाटक सरकार ने 14 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है। लॉकडाउन लागू होने से पहले प्रवासी मजदूरों समेत हजारों की तादाद में लोग बेंगलुरु से पलायन करते दिखे। इस दौरान रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर भारी भीड़ दिखी। हालांकि इस बार स्थिति पिछली साल की तरह नहीं थी जब प्रवासी मजदूरों को वाहन न मिलने की स्थिति में अपने घर जाने के लिए हजारों किलोमीटर का रास्ता पैदल तय करना पड़ा।

कर्नाटक परिवहन निगम की बेंगलुरु से प्रति दिन रात्रि 9 बजे तक 625 बसें चलती है, लेकिन वह भी इस दौरान कम पड़ गईं। लोगों को पिछली साल की तरह ही प्राइवेट बसों पर निर्भर रहना पड़ा। प्राइवेट बसों ने इस बात का फायदा उठाकर यात्रियों से किराए के रूप में 3 गुना दाम वसूले। मंगलवार को एक एसी स्लीपर के गाड़ी चालक ने यात्रियों से बेंगलुरु से बेलागावी और हुब्बाली तक के सफर के लिए 6,667 रुपए मांगे। टिकट बुकिंग करने वाली साइट्स पर दामों को साफ साफ लिखा गया था लेकिन बस मालिक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। आम तौर पर इस यात्रा का किराया 1 हजार रुपए होता है।

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अपने परिवार के साथ पलायन करने वाले मंजूनाथ एस ने मजेस्टिक से कोप्पल के लिए बस पकड़ी। उन्होंने कहा कि शुरुआत में सरकार ने कहा था कि कोई लकडॉउन नहीं लगेगा, लेकिन अब लॉकडाउन लगा दिया गया। इस बात की भी क्या गारंटी है कि यह लॉकडाउन बढ़ेगा नहीं। हम बिना नौकरी के यहां नहीं रह सकते। हम पैसे और खाने के पिना कैसे जिंदा रहेंगे और यदि हमें कुछ हो जाता है को कौन हमारी देखभाल करेगा। कम से कम हम अपने घर में सुरक्षित तो रहेंगे।