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कांग्रेस को नहीं भायी मनीष तिवारी की मुखरता,


नई दिल्ली। कांग्रेस नेतृत्व की रीति-नीति और कार्यशैली को लेकर मुखर आवाज उठाना पूर्व केंद्रीय मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी को भारी पड़ता नजर आ रहा है। पंजाब चुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में तेज तर्रार और वाकपटु तिवारी को शामिल नहीं किया गया है। पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में अमृता धवन और इमरान प्रतापगढ़ी जैसे नए चेहरों को जरूर रखा गया है।

पंजाब चुनाव में लगातार अंदरूनी रस्साकशी से रूबरू होती रही कांग्रेस के लिए स्टार प्रचारकों की यह सूची विवादों की फेहरिस्त में इजाफा ही करेगी। चुनाव आयोग को सूबे के लिए 30 स्टार प्रचारकों की सूची में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा अशोक गहलोत, भूपेश बघेल सरीखे प्रमुख नेताओं के अलावा पंजाब के नेताओं सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, अंबिका सोनी, प्रताप सिंह बाजवा, सुनील जाखड़, रवनीत सिंह बिटृटू्, अमृंदर सिंह राजा वारिंग, रमिंदर अवला और तेजिंदर सिंह बिटृटू के नाम हैं। परंतु आनंदपुर साहिब से लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी इस सूची से गायब हैं। दिलचस्प यह है कि तिवारी सूबे में कांग्रेस के आठ लोकसभा सांसदों में इकलौते हिन्दू सांसद हैं और सूबे में इस समुदाय की आबादी करीब 40 प्रतिशत है।

पार्टी के दृष्टिकोण से अलग मनीष तिवारी रखते आए हैं अपनी अलग राय

कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे की कमजोरी को लेकर सवाल उठाने वाले 23 नेताओं के समूह यानी जी 23 में शामिल रहे मनीष तिवारी पार्टी की मौजूदा चिंताजनक हालत पर काफी मुखर रहे हैं। कई ज्वलंत मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व के दृष्टिकोण से अलग अपनी राय भी जाहिर की है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मसले पर भी उनकी राय अलग थी और उन्होंने इस चूक को गंभीर माना था। इसलिए माना जा रहा कि इसके मद्देनजर ही कांग्रेस ने उनकी सियासी अनदेखी कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि हाईकमान की लाइन से अलग राह पर चलने की कोशिश स्वीकार्य नहीं है। हालांकि जी 23 के प्रमुख नेताओं में गिने जाने वाले आनंद शर्मा और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडृडा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुडडा पंजाब में पार्टी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किए गए हैं।